उत्तराखंड सरकार ने प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में रिजॉर्ट की तर्ज पर आधुनिक नेचुरोपैथी अस्पताल स्थापित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। आयुष विभाग ने सोमवार को घोषणा की कि ये अस्पताल योग, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी उपचारों का एकीकृत केंद्र होंगे, जो वेलनेस टूरिज्म को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। इस पहल से पर्यटकों को स्वास्थ्य और विश्राम का अनूठा अनुभव मिलेगा तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
पहले चरण में नैनीताल, हरिद्वार, अल्मोड़ा और ऊधम सिंह नगर में चार नेचुरोपैथी अस्पताल बनाए जाएंगे, जहां प्राकृतिक जल स्रोतों, जड़ी-बूटियों और योग केंद्रों का उपयोग होगा। प्रत्येक अस्पताल 50-100 बेड वाला होगा, जिसमें स्टीम बाथ, मड थेरेपी, एक्यूप्रेशर और डिटॉक्स प्रोग्राम जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। राज्य सरकार केंद्र के सहयोग से 200 करोड़ रुपये का बजट आवंटित करेगी, तथा निर्माण कार्य अगले छह महीनों में शुरू हो जाएगा। ये केंद्र रिजॉर्ट स्टाइल में डिजाइन किए जाएंगे, जहां मरीजों को हिल व्यू और स्पा जैसी विलासिता मिलेगी।
यह योजना उत्तराखंड को वेलनेस टूरिज्म का हब बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है, क्योंकि राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और शुद्ध हवा इसके लिए आदर्श है। पर्यटन विभाग के अनुसार, इससे प्रतिवर्ष 5 लाख वेलनेस पर्यटकों का आगमन होगा तथा रोजगार के 5000 अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आधुनिक चिकित्सा के साथ प्राकृतिक उपचार को जोड़कर स्वस्थ भारत का निर्माण होगा। अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम तैनात होगी तथा ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा होगी।
वेलनेस टूरिज्म से कोविड के बाद स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ी है, और उत्तराखंड इसमें अग्रणी बनेगा। स्थानीय हर्बल किसानों और योग गुरुओं को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार ने पर्यटकों को विशेष पैकेज और सब्सिडी देने की योजना बनाई है। यह परियोजना आयुष मिशन के तहत चलेगी तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित होगी।





