Friday, November 21, 2025

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उत्तराखंड में भालुओं का बढ़ता आतंक

उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में मानव-भालू संघर्ष तेजी से बढ़ रहा है। बीते दिनों भालुओं द्वारा ग्रामीणों पर हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें कई लोग घायल हुए, जबकि कुछ की जान भी जा चुकी है। चिंताजनक पहलू यह है कि अब भालू जंगलों से निकलकर सीधे गांवों और घरों के आसपास दिखाई देने लगे हैं। स्थिति को देखते हुए वन विभाग ने प्रदेशभर के लोगों को सतर्क रहने और सावधानी बरतने की अपील की है।

प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) रंजन कुमार मिश्र ने बताया कि सर्दियों में भालू सामान्यतः हाइबर्नेशन (शीत-निष्क्रिय अवस्था) में रहते हैं, लेकिन भोजन की कमी, कूड़े के अनुचित निस्तारण और बदलते पर्यावरणीय कारकों के चलते उनके व्यवहार में बदलाव देखने को मिल रहा है। इस कारण भालू गांवों की ओर आकर्षित हो रहे हैं और मानव बस्तियों में प्रवेश कर रहे हैं।

वन विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों से कहा है कि वे सुबह और शाम के समय अकेले जंगल में न जाएं और समूह में ही बाहर निकलें। घरों के आसपास कचरा इधर-उधर न फेंकें, क्योंकि इससे भालू भोजन की तलाश में आवासीय इलाकों की ओर आकर्षित होते हैं। साथ ही आबादी वाले क्षेत्रों में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था रखने और घरों के आसपास झाड़ियों को साफ रखने के निर्देश दिए गए हैं।

विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे भालू की सक्रियता वाले इलाकों की पहचान करें और किसी भी घटना की सूचना पर तुरंत पहुंचकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें। प्रभावित क्षेत्रों को सुरक्षित किया जाए और भीड़ को घटनास्थल से दूर रखा जाए ताकि किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

वन विभाग ने कहा है कि भालुओं को प्राकृतिक आवास में पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराकर संघर्ष कम किया जा सकता है। इसके लिए वन क्षेत्रों में ओक, काफल, जंगल बेरी सहित अन्य फलदार पौधों के रोपण को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, उच्च भालू घनत्व वाले क्षेत्रों में उनके आवास स्थलों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।

मानव-भालू संघर्ष को बेहतर ढंग से नियंत्रित करने के लिए फील्ड स्टाफ को नियमित प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें भालुओं के व्यवहार और नवीनतम बचाव तकनीकों की जानकारी शामिल होगी। विभाग का मानना है कि क्षेत्र एवं ऋतु आधारित प्रबंधन योजनाएं बनाकर इस समस्या पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है।

वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि किसी भी भालू के दिखाई देने पर तुरंत अधिकारियों को सूचना दें और खुद किसी भी तरह की कार्रवाई करने का प्रयास न करें। जागरूकता एवं सतर्कता से ही मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम किया जा सकता है।

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