देहरादून। उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदलते ही बिजली की मांग में तेजी से इजाफा दर्ज किया जा रहा है। पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में ठंड बढ़ने के कारण मंगलवार को प्रदेश में बिजली की कुल मांग चार करोड़ यूनिट के करीब पहुँच गई। दिवाली के दौरान जहाँ मौसम में हल्की ठंडक थी, वहीं उस समय बिजली की मांग मात्र तीन करोड़ यूनिट के आसपास बनी हुई थी।
ऊर्जा विभाग के अनुसार त्योहारी सीजन के बाद बीते आठ दिनों के भीतर ही बिजली की खपत में लगभग एक करोड़ यूनिट की बढ़ोतरी हो चुकी है। ठंड बढ़ने के साथ ही हीटिंग उपकरणों के उपयोग में बढ़ोतरी इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है।
बढ़ी हुई मांग के अनुरूप राज्य के पास अभी यूजेवीएनएल से 1.1 करोड़ यूनिट और केंद्रीय पूल से 1.4 करोड़ यूनिट—कुल लगभग 2.5 करोड़ यूनिट बिजली उपलब्ध हो पा रही है। इसके अलावा शेष कमी पूरी करने के लिए बिजली को बाजार से खरीदा जा रहा है।
ऊर्जा निगम के अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर ही अतिरिक्त खरीद की जा रही है। इसके बावजूद यूपीसीएल प्रबंधन का दावा है कि प्रदेश में न तो कहीं घोषित कटौती की जा रही है और न ही अघोषित बिजली संकट की स्थिति है।
ऊर्जा विभाग के अनुसार जैसे-जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड और अधिक बढ़ेगी, खपत में और वृद्धि की संभावना है। विभाग ने विद्युत वितरण तंत्र को दुरुस्त रखने और उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी ज़िम्मेदार एजेंसियों को पहले से तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।





