Monday, July 28, 2025

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उत्तराखंड में फिर डोली धरती, चमोली में देर रात आया भूकंप; तीव्रता 3.3 मापी गई

उत्तराखंड के चमोली जिले में शुक्रवार देर रात भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत फैल गई। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.3 मापी गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, यह भूकंप रात में आया और इसकी गहराई जमीन से 10 किलोमीटर नीचे थी। झटके महसूस होते ही लोग घरों और दुकानों से बाहर निकलकर सड़कों पर आ गए।

इससे पहले 8 जुलाई को उत्तरकाशी जिले में भी रिक्टर स्केल पर 3.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था, जिसकी गहराई 5 किलोमीटर थी।
क्यों आते हैं भूकंप?

धरती के भीतर सात विशाल टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार गतिशील रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो वह क्षेत्र फॉल्ट लाइन कहलाता है। लगातार दबाव बढ़ने पर ये प्लेट्स टूट जाती हैं, जिससे अंदर की भूगर्भीय ऊर्जा बाहर निकलती है और धरती में कंपन होता है — यही भूकंप कहलाता है।

क्या होता है भूकंप का केंद्र और तीव्रता?
भूकंप का केंद्र (एपिसेंटर) वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में सबसे ज्यादा हलचल होती है और यहीं कंपन सबसे तेज़ होता है। जैसे-जैसे दूरी बढ़ती है, कंपन की तीव्रता कम होती जाती है। हालांकि, यदि किसी भूकंप की तीव्रता 7 या उससे अधिक हो, तो लगभग 40 किलोमीटर के दायरे तक उसका प्रभाव गंभीर हो सकता है।

कैसे मापी जाती है तीव्रता?
भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल से मापा जाता है, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहा जाता है। यह 1 से 9 के पैमाने पर भूकंप की ताकत को मापता है। स्केल के अनुसार, धरती के भीतर से निकलने वाली ऊर्जा के आधार पर भूकंप की भयावहता का आंकलन किया जाता है।

उत्तराखंड के भूकंपीय जोन में आने के कारण यहां अक्सर हल्के-फुल्के झटके महसूस होते रहते हैं, जो बड़े भूकंप की चेतावनी भी हो सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, लोगों को सतर्क रहना चाहिए और आपदा से निपटने की तैयारी हमेशा बनाए रखनी चाहिए।

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