उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) एक बार फिर अपने परिणामों में हुई गंभीर चूक को लेकर चर्चा में है। आयोग ने पीसीएस प्रीलिम्स परीक्षा के परिणाम में हुई गलती को मुख्य परीक्षा के परिणाम में भी दोहरा दिया, जिससे अभ्यर्थियों में भ्रम और असंतोष की स्थिति पैदा हो गई। मामला सामने आने के बाद आयोग ने तकनीकी त्रुटि को स्वीकार किया और तुरंत सुधार करते हुए संशोधित परिणाम जारी कर दिया। आयोग का कहना है कि अब सभी गड़बड़ियों को ठीक कर लिया गया है और परिणाम पूरी तरह से अर्हता और मेरिट के आधार पर सही कर दिए गए हैं।
आयोग ने पीसीएस प्रीलिम्स का परिणाम 23 दिसंबर 2024 को जारी किया था। इस परिणाम में परिवीक्षा अधिकारी (महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग) के पद पर 12 अभ्यर्थियों को योग्य घोषित किया गया था। इन अभ्यर्थियों के रोल नंबर थे—107132, 119742, 120925, 144302, 146609, 162271, 176078, 186453, 219236, 219819, 238736 और 245207।
लेकिन जब 29 नवंबर 2025 को मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ, तो आयोग ने इन 12 में से तीन अभ्यर्थियों — 162439, 182463 और 197739 — को परिवीक्षा अधिकारी पद के लिए सफल घोषित कर दिया। जबकि ये तीनों अभ्यर्थी प्रीलिम्स की कटऑफ के अनुरूप पात्र ही नहीं थे। इससे अभ्यर्थियों के बीच सवाल उठने लगे और कई उम्मीदवारों ने आयोग से औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।
कटऑफ से कम अंक होने के बावजूद घोषित कर दिए गए थे सफल
प्री परीक्षा की संशोधित कटऑफ 95.9854 अंक थी। बावजूद इसके, जिस तीन अभ्यर्थियों को प्रीलिम्स में परिवीक्षा अधिकारी पद के लिए सफल घोषित किया गया था, उनमें से एक के 81.2988, दूसरे के 82.3486 और तीसरे के 91.7894 अंक थे—जो कटऑफ से काफी कम थे। यह त्रुटि आगे बढ़कर मुख्य परीक्षा के परिणाम में भी शामिल हो गई और आयोग ने इन्हीं तीनों अभ्यर्थियों को परिवीक्षा अधिकारी पद के लिए सफल घोषित कर दिया।
अभ्यर्थियों की आपत्ति के बाद खुली पूरी गड़बड़ी
अभ्यर्थियों की आपत्तियों के बाद जब आयोग ने पूरी प्रक्रिया की जांच की तो यह गलती सामने आई। इसके बाद आयोग ने तुरंत मुख्य परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी किया। संशोधन में उन तीन अभ्यर्थियों — 162439, 182463 और 197739 — को परिवीक्षा अधिकारी पद से हटाकर समेकित पदों की सूची में शामिल किया गया है।
कटऑफ के अनुरूप योग्य अभ्यर्थियों को दी गई सफलता
इनकी जगह अब तीन नए अभ्यर्थियों को परिवीक्षा अधिकारी पद के लिए योग्य पाया गया है—
• 162271 (प्री में 100.1814 अंक)
• 219236 (प्री में 95.9854 अंक)
• 245207 (प्री में 99.6560 अंक)
ये सभी अभ्यर्थी प्रीलिम्स परीक्षा की कटऑफ से अधिक अंक प्राप्त करने के साथ-साथ आवश्यक योग्यता भी रखते हैं।
आयोग ने अभ्यर्थियों से भविष्य में ऐसी तकनीकी गलती न होने का आश्वासन दिया है। साथ ही स्पष्ट किया कि अब संशोधित परिणाम पूरी तरह से अर्हता, पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर तैयार किया गया है।





