उत्तराखंड पंचायत चुनाव में इस बार मुकाबला सिर्फ जनसमर्थन का नहीं, किस्मत का भी रहा। कई पंचायतों में प्रत्याशियों को बराबर वोट मिले, ऐसे में निर्णय के लिए पर्ची और टॉस का सहारा लिया गया। वहीं कहीं एक वोट ने ही नतीजा तय कर दिया।
पेनुवा (चकराता): एक वोट ने बनाया प्रधान
यहाँ अंकिता को 134 और प्रतिद्वंदी राधा देवी को 133 वोट मिले। 5 वोट रद्द हुए। इस करीबी मुकाबले में अंकिता को एक वोट से जीत मिली।
कांदी (रुद्रप्रयाग): पर्ची ने बनाया प्रधान
लक्ष्मी देवी और पूनम देवी को 168-168 वोट मिले। जिला अधिकारी प्रतीक जैन की मौजूदगी में पर्ची के माध्यम से लक्ष्मी देवी को विजयी घोषित किया गया।
कोट (नारायणबगड़): दोबारा गिनती में एक वोट से जीतीं रजनी देवी
पहले चरण में रजनी देवी और कुलदीप सिंह को 72-72 मत मिले। दोबारा मतगणना में रजनी देवी को 73 वोट और कुलदीप को 72 वोट मिले।
बणद्वारा (चमोली): टॉस से बना सबसे युवा प्रधान
23 वर्षीय नितिन और रविन्द्र को 138-138 वोट मिले। टॉस के जरिए नितिन को ग्राम प्रधान घोषित किया गया। वे मंडल घाटी के सबसे युवा प्रधान बने हैं।
उत्तराखंड पंचायत चुनाव के ये नतीजे दर्शाते हैं कि लोकतंत्र में हर वोट की कीमत कितनी अहम होती है, और कभी-कभी भाग्य भी निर्णायक भूमिका निभाता है।