मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 20 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें से कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर मुहर लगी।
बैठक की शुरुआत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की ऐतिहासिक सफलता पर भारतीय सशस्त्र बलों को श्रद्धांजलि और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए हुई। मुख्यमंत्री धामी ने इसे भारत की सैन्य ताकत, रणनीतिक दक्षता और राष्ट्र सुरक्षा के प्रति संकल्प का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की वीरभूमि का हर नागरिक इस गौरवशाली क्षण में गर्व के साथ देश के साथ खड़ा है।
बैठक में स्वीकृत प्रमुख प्रस्तावों पर एक नजर:
- पोल्ट्री फार्मिंग नीति मंजूर:
बड़े निवेशकों के लिए बनी इस नई नीति के तहत पहाड़ में 40% और मैदानी इलाकों में 20% सब्सिडी मिलेगी। हरियाणा मॉडल पर आधारित यह योजना 55 पोल्ट्री यूनिट्स की स्थापना का रास्ता खोलेगी और करीब 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा। - मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना:
राज्य की निराश्रित एकल महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में सशक्त करने के लिए यह नई योजना मंजूर की गई है। पहले वर्ष में 2000 महिलाओं को लक्ष्य बनाया गया है। वे 2 लाख तक का प्रोजेक्ट बना सकेंगी, जिसमें ₹1.5 लाख की सब्सिडी सरकार देगी। योजना में कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन और ब्यूटी पार्लर जैसे स्वरोजगार के विकल्प शामिल हैं। कुल बजट ₹30 करोड़ रखा गया है। - स्ट्रीट चिल्ड्रन पॉलिसी को मंजूरी:
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार अब प्रदेश में स्ट्रीट चिल्ड्रन के लिए नीति लागू की जाएगी। इसके तहत बच्चों के पुनर्वास और अधिकारों की रक्षा की व्यवस्था की जाएगी। - किशोर न्याय निधि के उपयोग के लिए नियमावली पास:
किशोर न्याय अधिनियम की धारा 110 के तहत निधि उपयोग की स्पष्ट गाइडलाइन तय की गई। - ऊर्जा सुधार नीति मंजूर:
यूपीसीएल में संरचनात्मक सुधार के लिए मैकेंज़ी की रिपोर्ट के आधार पर बनाई गई नई नीति को कैबिनेट से मंजूरी मिली है। इससे ऊर्जा दक्षता में वृद्धि और बुनियादी ढांचे में मजबूती आने की उम्मीद है। - मुख्यमंत्री राहत कोष की धनराशि पर नई व्यवस्था:
अब यह निधि उसी बैंक में रखी जाएगी जो सबसे अधिक ब्याज देगा, जिससे कोष की उपयोगिता बढ़ सकेगी। - सड़क पर घूम रहे गौवंश की देखभाल के लिए नया प्रावधान:
अब 16,000 पशुओं की देखरेख के लिए धनराशि केवल पशुपालन विभाग द्वारा दी जाएगी और प्रस्ताव ज़िला स्तर पर ही स्वीकृत होंगे। - जीएसटी विभाग से जुड़ा फैसला:
संयुक्त आयुक्त की सेवा नियमावली को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली।
इस बैठक में जहां सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता दी गई, वहीं राज्य की ऊर्जा, पशुपालन और महिला सशक्तिकरण योजनाओं को मजबूत करने के कदम भी उठाए गए हैं। उत्तराखंड सरकार का यह प्रयास सामाजिक और आर्थिक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।