उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में शुष्क मौसम का सिलसिला बना हुआ है, जबकि न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग ने सोमवार को जारी बुलेटिन में बताया कि अगले 48 घंटों में तराई-भाबर क्षेत्रों में शुष्कता बनी रहेगी और पारा 2-3 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क सकता है। इस दौरान कोई वर्षा या कोहरे की संभावना नहीं है, लेकिन ठंडी हवाओं के कारण ठिठुरन बढ़ेगी।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति के कारण मैदानी जिलों जैसे हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल के तराई भाग और देहरादून में शुष्क हवा का प्रवाह जारी है। रविवार को ऊधमसिंह नगर का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस और हरिद्वार में 11 डिग्री के आसपास रहा, जो सामान्य से 2 डिग्री कम था। विभाग ने चेतावनी दी है कि 17 दिसंबर तक यह स्थिति बनी रह सकती है, जिससे किसानों और आमजन को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
शुष्क मौसम के कारण फसलें प्रभावित हो सकती हैं, खासकर रबी की बुआई के मौसम में। ग्रामीण क्षेत्रों में धूल उड़ने और श्वसन संबंधी समस्याओं की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने लोगों को गर्म कपड़े पहनने, पर्याप्त पानी पीने और धूप में रहने की सलाह दी है। पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना बनी हुई है, लेकिन मैदानी इलाकों में साफ आसमान रहेगा।
यह मौसम पैटर्न उत्तर भारत के बड़े हिस्से में देखा जा रहा है, जो जलवायु परिवर्तन का संकेत देता है। स्थानीय प्रशासन ने स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट कर दिया है ताकि सर्दी-जुकाम के मामलों से निपटा जा सके। किसानों को सिंचाई की व्यवस्था मजबूत करने और फसल सुरक्षा के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।





