Monday, December 22, 2025

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उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रैकिंग के लिए बनी SOP

प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रैकिंग के लिए पर्यटन विभाग ने एसओपी तैयार कर ली है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में बैठक के बाद पर्यटन विभाग इस एसओपी को जारी करने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बीते दिनों सचिव पर्यटन को एसओपी बनाने के निर्देश दिए थे। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रैकिंग के लिए अभी तक कोई मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) नहीं बनी थी, जबकि पिछले दो वर्षों में ट्रैकिंग के दौरान करीब 38 ट्रेकर्स जान गंवा चुके हैं। वर्ष 2022 में द्रौपदी के डांडा में 29 पर्वतारोहियों की मौत के बाद भी एसओपी का मुद्दा जोर-शोर से उठा था।लेकिन, तब से अब तक ट्रेकर्स की सुरक्षा के लिए मानक तय करने का मुद्दा पर्यटन और वन विभाग के बीच झूलता रहा। यही तय नहीं हो पाया था कि एसओपी कौन बनाएगा। अमर उजाला में आठ जून के अंक में प्रमुखता से मुद्दा उठने के बाद सहस्त्रताल ट्रेक हादसे पर सरकार हरकत में आई। तय हुआ कि वन विभाग के सहयोग से पर्यटन विभाग एक एसओपी तैयार करेगा। पर्यटन विभाग ने एसओपी तैयार कर ली है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसके लिए बैठक बुलाई है, जिसमें एसओपी के सभी बिंदुओं पर चर्चा होगी। इसके बाद एसओपी जारी कर दी जाएगी। बता दें कि बीते दिनों कर्नाटक का 22 सदस्यीय दल सिल्ला-कुश कल्याण-सहस्त्रताल ट्रेक पर गया था, जहां ठंड लगने से दल में शामिल नौ ट्रेकरों की मौत हो गई थी। बाकी को सरकार ने एयर एंबुलेंस से सुरक्षित निकाल लिया था। सरकार ने ये भी तय किया है कि सहस्त्रताल जैसे ट्रैक पर ट्रैकिंग के लिए प्रशिक्षित गाइड साथ जाएंगे। राष्ट्रीय पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी ने इसके लिए ट्रैकिंग गाइड को प्रशिक्षित किया है। यह गाइड सेटेलाइट फोन से लैस होंगे ताकि कहीं मुसीबत आने पर उनसे आसानी से संपर्क साधा जा सके।

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