Friday, August 1, 2025

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ईरान से व्यापार पर अमेरिका की कार्रवाई, छह भारतीय कंपनियों पर ट्रंप प्रशासन ने लगाया प्रतिबंध

अमेरिका ने ईरान के साथ पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के व्यापार पर शिकंजा कसते हुए छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। ट्रंप प्रशासन ने यह कार्रवाई ईरान की “अस्थिरता फैलाने वाली गतिविधियों” के वित्तपोषण को रोकने के उद्देश्य से की है।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्रतिबंध उन कंपनियों और संस्थाओं पर लगाए गए हैं जो जानबूझकर ईरानी मूल के पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खरीद, बिक्री, परिवहन या विपणन में संलिप्त पाई गईं। इस कार्रवाई में भारत, यूएई, तुर्किये और इंडोनेशिया की कंपनियां शामिल हैं।

इन भारतीय कंपनियों पर लगा प्रतिबंध:

  1. कंचन पॉलिमर्स – UAE की तानाइस ट्रेडिंग से $1.3 मिलियन के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पाद खरीदे।
  2. अलकेमिकल सॉल्यूशंस – $84 मिलियन से अधिक के ईरानी उत्पादों का आयात।
  3. रमणीकलाल एस. गोसालिया एंड कंपनी – मेथेनॉल व टोल्यूनि जैसे उत्पादों में $22 मिलियन का व्यापार।
  4. जुपिटर डाई केम प्रा. लि. – $49 मिलियन का ईरानी मूल का व्यापार।
  5. ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लि. – $51 मिलियन का लेन-देन।
  6. पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्रा. लि. – $14 मिलियन से अधिक का व्यापार।

इन कंपनियों की अमेरिका में स्थित सभी संपत्तियां और संपत्ति में हिस्सेदारी को जब्त कर लिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कार्रवाई अमेरिका की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसके तहत ईरान के अवैध व्यापार को रोकने और उसके शासन की आतंक समर्थक गतिविधियों को आर्थिक मदद से वंचित करने की नीति लागू की जा रही है।

ईरानी सर्वोच्च नेता के सलाहकार के नेटवर्क पर भी कार्रवाई

इसके अतिरिक्त, अमेरिकी वित्त विभाग ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार अली शमखानी के बेटे मोहम्मद हुसैन शमखानी से जुड़े 50 व्यक्तियों और संस्थाओं पर भी प्रतिबंध लगाया है। इसमें UAE स्थित भारतीय नागरिक पंकज नागजीभाई पटेल का नाम भी शामिल है, जो टेओडोर शिपिंग जैसी कंपनियों में कार्यरत थे, जो ईरानी तेल की शिपिंग से जुड़ी रही हैं।

वित्त विभाग ने इस कार्रवाई को 2018 के बाद से ईरान के खिलाफ सबसे बड़ी आर्थिक कार्रवाई बताया है।

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