ईरान-इस्राइल के बीच बढ़े सैन्य तनाव के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने ईरान-इस्राइल संघर्ष को देखते हुए ईरान से कश्मीरी समेत सभी भारतीय छात्रों को सुरक्षित लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तीन विश्वविद्यालयों के छात्रों को फिलहाल सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है। अन्य छात्रों को भी स्थानांतरित किया जा रहा है। ईरान में करीब डेढ़ हजार कश्मीरियों समेत दस हजार भारतीय छात्र हैं। अधिकतर छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए वहां गए हैं।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि ईरान का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण छात्रों को आर्मेनिया के रास्ते निकाला जा रहा है। आर्मेनिया से छात्रों को जॉर्जिया और फिर पश्चिम एशिया के रास्ते भारत लाया जा सकता है। 110 विद्यार्थियों का पहला दल आर्मेनिया सीमा पर पहुंच चुका है।
भारतीय दूतावास ने सोमवार को छात्रों को तेहरान से निकालने के लिए बसों की व्यवस्था की। तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी और ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज से सभी भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। शहीद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के भारतीय विद्यार्थियों को वेलेंजक विश्वविद्यालय के गेट नंबर 2 से सुबह 10 बजे (ईरान के समय अनुसार) कोम शहर के लिए रवाना किया गया।
उर्मिया यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज से भी विद्यार्थियों को सुरक्षित जगह भेजा जा रहा है। शिराज यूनिवर्सिटी और इस्फहान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रशासन से भारतीय दूतावास की बात हो चुकी है। यहां से छात्रों को मंगलवार को सुबह निकाला जाएगा।
दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों और छात्रों से घर के अंदर रहने और आधिकारिक चैनलों पर नजर रखने के लिए कहा है। विदेश मंत्रालय ने एक टेलीग्राम चैनल बनाया है, जहां छात्र अपने संपर्क विवरण अपडेट कर सकते हैं और अपडेट प्राप्त कर सकते हैं।भारतीय दूतावास ने अराक विश्वविद्यालय से सभी भारतीय छात्रों को निकालने में मदद करने का अनुरोध किया है।