बीते महीने ईरान द्वारा कतर स्थित अमेरिकी एयरबेस पर किए गए हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि हमले में अल उदैद एयरबेस पर मौजूद जियोडेसिक गुंबद को गंभीर नुकसान पहुंचा है। इस गुंबद का इस्तेमाल अमेरिकी सेना सुरक्षित संचार प्रणाली के तहत करती थी।
हालांकि अमेरिका या कतर सरकार की ओर से अब तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वहीं, ईरान और अमेरिका के बीच हमले के बाद शांति समझौता हो चुका है।
क्या हुआ था हमला?
• 23 जून को ईरान ने कतर के अल उदैद एयरबेस पर मिसाइल हमला किया था।
• यहां अमेरिकी वायुसेना की 379वीं एयर एक्सपीडिशनरी विंग तैनात है।
• हमला तब हुआ जब अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बमों से कार्रवाई की थी।
जियोडेसिक गुंबद हुआ तबाह
• प्लेनेट लैब्स की सैटेलाइट तस्वीरों में यह साफ हुआ कि हमले में एयरबेस पर मौजूद जियोडेसिक गुंबद पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।
• यह गुंबद अमेरिकी वायुसेना की गोपनीय संचार व्यवस्था के लिए अहम था।
बचाव की तैयारी पहले से
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (जो वर्तमान में दोबारा राष्ट्रपति पद पर हैं) ने कहा कि
“ईरान ने हमले से पहले ही संकेत दे दिए थे, जिससे अमेरिका ने अपने लड़ाकू विमान और संवेदनशील उपकरण पहले ही हटा लिए थे।”
इस कारण, कुल मिलाकर एयरबेस को मामूली नुकसान ही हुआ और किसी प्रकार की सैन्य क्षति की पुष्टि नहीं की गई।
ईरान का दावा बनाम हकीकत
• ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने दावा किया कि हमला सफल और घातक था और एयरबेस पूरी तरह तबाह हो गया।
• हालांकि, न तो कोई तस्वीर, न कोई वीडियो और न ही कोई अन्य सबूत उनके दावे के पक्ष में सामने आया।
• अमेरिका ने इन दावों को खारिज करते हुए हमले को कमजोर और सांकेतिक बताया।