हमास के खिलाफ लंबे समय से जारी संघर्ष के बीच इस्राइल अब सीरिया में भी सैन्य कार्रवाई कर रहा है। सीरिया के स्वैदा क्षेत्र में द्रूज समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के बाद इस्राइल ने खुलकर हस्तक्षेप करते हुए सीरियाई सैन्य ठिकानों पर बमबारी की।
क्या है स्वैदा और क्यों है यह महत्वपूर्ण?
स्वैदा सीरिया का एक दक्षिणी प्रांत है, जो मुख्य रूप से द्रूज समुदाय की आबादी वाला क्षेत्र है। यह समुदाय सीरिया में एक अल्पसंख्यक धार्मिक समूह है, जिसकी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान अलग है।
संघर्ष की शुरुआत कैसे हुई?
- 13 जुलाई को स्वैदा में एक द्रूज सब्जी विक्रेता का बेदुइन कबाइलियों द्वारा अपहरण और लूट की घटना सामने आई।
- इसके जवाब में द्रूज समुदाय ने प्रतिरोध किया, जिससे अपहरणों की श्रृंखला और आपसी झड़पें शुरू हो गईं।
- बाद में सीरियाई सरकारी लड़ाके भी द्रूजों के खिलाफ हिंसा में शामिल हो गए, जिससे हालात और बिगड़ गए।
इस्राइल ने क्यों दखल दिया?
- इस्राइल ने इसे द्रूज समुदाय की सुरक्षा का मामला बताते हुए 15 जुलाई को सीरिया के स्वैदा क्षेत्र में कट्टरपंथी गुटों पर हमला किया।
- इसके बाद 16 जुलाई को इस्राइल ने दमिश्क स्थित सीरिया के रक्षा मंत्रालय और सैन्य मुख्यालय को भी निशाना बनाया।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि द्रूजों की सुरक्षा के लिए यदि आवश्यक हुआ, तो भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई की जाएगी।
संघर्षविराम: अस्थायी राहत, लेकिन स्थायी हल नहीं
- 16 जुलाई को सीरियाई सरकार और द्रूज समुदाय के बीच संघर्षविराम का ऐलान हुआ।
- लेकिन यह 24 घंटे भी नहीं टिक सका, और 17 जुलाई को एक बार फिर झड़पें शुरू हो गईं।
- इसके बाद इस्राइल ने दोबारा सीरियाई सैन्य ठिकानों पर बमबारी की।
हालांकि, अब एक नया संघर्षविराम लागू किया गया है।
- सीरियाई सेना ने भारी हथियार हटाने की प्रक्रिया शुरू की है।
- द्रूज लड़ाके फिलहाल सशस्त्र प्रतिरोध रोकने को तैयार हो गए हैं।
निष्कर्ष
इस्राइल का सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप इस क्षेत्रीय संघर्ष को और जटिल बना रहा है। यह मामला केवल द्रूज समुदाय की सुरक्षा से जुड़ा नहीं, बल्कि पश्चिम एशिया में बदलती रणनीतिक समीकरणों और प्रभुत्व की राजनीति का हिस्सा भी बन चुका है। संघर्षविराम की बार-बार टूटती कोशिशें यह दिखाती हैं कि सीरिया में स्थायी शांति अभी दूर की बात है।