इस्राइल ने हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले यमन पर हवाई हमला किया है। एपी की रिपोर्ट के मुताबिक हमले में नौ लोगों की मौत हो गई। बताया जाता है कि इस्राइल ने बिजलीघरों, लाल सागर स्थित रास इसा तेल टर्मिनल और सलीफ बंदरगाह को निशाना बनाया। हमले में सलीफ बंदरगाह पर सात और तेल टर्मिनल पर दो लोगों की मौत हुई। इससे पहले यमन ने मध्य इस्राइल पर हूती मिसाइल से हमला किया था। जिसे इस्राइल ने रोक लिया था। टाइम्स ऑफ इस्राइल के मुताबिक इस्राइली सेना ने यमन में हमले की पुष्टि की। इस्राइली सेना ने कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने हूती विद्रोही समूह की ओर से बार-बार किए जा रहे हमलों का जवाब दिया है। सेना के मुताबिक हूती ठिकानों पर इस्राइल की वायु सेना ने दो चरणों में हमले किए। इसमें इस्राइल वायु सेना के 14 लड़ाकू विमान शामिल थे। सेना ने बताया कि सबसे पहले हमले में लाल सागर स्थित रास इसा तेल टर्मिनल और सलीफ बंदरगाह को निशाना बनाया गया। इस हमले में बंदरगाह में जहाजों को लाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली आठ बोट नष्ट हो गईं। इसके बाद दूसरी बार राजधानी सना में दो बिजली स्टेशनों को निशाना बनाया गया।आईडीएफ के मुख्य प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा कि हमले में उन जगहों को निशाना बनाया गया जिनका उपयोग हूती अपने सैन्य अभियान के लिए करते हैं। लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय जहाजों प हूतियों के हमले वैश्विक खतरा बन गए हैं। हूतियों के पीछे कौन है? सीधी बात है कि ईरान। ईरान की शह और फंडिंग के चलते हूती विद्रोही लगातार इस्राइल पर हमला कर रहे हैं। आईडीएफ इस्राइल के नागरिकों को खतरा पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति पर कार्रवाई करने और उस पर किसी भी दूरी से हमला करने की ताकत रखता है। वहीं इस्राइल के रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज ने हूती नेताओं को चेतावनी जारी की। उन्होंने कहा कि इस्राइल की लंबी भुजाएं आप तक पहुंचेंगी। जो कोई भी हाथ उठाएगा, उसका हाथ काट दिया जाएगा। जो हमें मारेगा, उस पर कई बार वार किया जाएगा।