ईरान और इस्राइल के बीच जारी संघर्ष को एक सप्ताह हो गया है। हर बीतते दिन के साथ दोनों पुराने दुश्मनों के बीच संघर्ष और तेज होता जा रहा है। इस बीच, ट्रंप ने कहा है कि वो ईरान पर हमले को लेकर दो सप्ताह में निर्णय लेंगे। उन्हें अब भी आस है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए समझौते पर राजी हो जाएगा। वहीं, ईरान ने इस्राइल के खिलाफ अपने हमले तेज कर दिए हैं। ईरानी मिसाइलों ने देर रात इस्राइली अस्पताल को निशाना बनाया। इसके जवाब में इस्राइल ने बृहस्पतिवार को ईरान में परमाणु ठिकानों पर बमबारी की। ईरान के ताजा हमलों में कम से कम 240 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से चार गंभीर रूप से घायल हैं।
इस्राइली मीडिया जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार रात वॉशिंगटन में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस और डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ के साथ गुप्त बैठक की। इस बैठक में ईरान पर संभावित सैन्य कार्रवाई में अमेरिका की भूमिका को लेकर चर्चा हुई। रिपोर्ट में दो सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस बैठक में इजराइली डिफेंस मिनिस्टर इसराइल काट्ज़, IDF चीफ एयाल ज़ामिर और स्ट्रैटेजिक अफेयर्स मिनिस्टर रॉन डर्मर भी शामिल थे। चर्चा के विवरण सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
जर्मन सरकार के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि अगले सप्ताह होने वाले नाटो शिखर सम्मेलन में ईरान पर चर्चा होने की संभावना है। प्रवक्ता ने इस्राइल-ईरान युद्ध में संभावित अमेरिकी सैन्य भागीदारी का जिक्र करते हुए कहा कि हम सहयोगियों की संभावित हमले की योजनाओं पर टिप्पणी नहीं करते हैं। बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा था कि वह दो सप्ताह के भीतर तय करेंगे कि उनका देश इस्राइली हमलों में शामिल होगा या नहीं।इस्राइल के रक्षा मंत्री काट्ज़ ने कहा है कि उन्होंने आईडीएफ को तेहरान में शासन से जुड़े ठिकानों पर हवाई हमलों को तेज करने के लिए कहा है। उनका उद्देश्य ईरानी शासन को हटाना है। इसमें इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स शामिल हैं. काट्ज़ ने यह भी कहा कि इस अभियान का उद्देश्य तेहरान से बड़े पैमाने पर नागरिकों को निकालने के लिए मजबूर करना है, जिससे वहां की सत्ता पर दबाव बढ़े। इसके साथ ही, इस्राइल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए वैज्ञानिकों और ठिकानों को निशाना बनाना जारी रखेगा।