पाकिस्तान की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने मंगलवार को जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान खान की पार्टी के नेताओं के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। मामला पिछले साल 9 मई की हिंसा से संबंधित है, जिसमें खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर का नाम भी शामिल है। रावलपिंडी स्थित आतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश मलिक इजाज आसिफ ने गंडापुर के खिलाफ दायर एक मामले के आधार पर कार्रवाई की। अधिकारियों को खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री को अन्य लोगों के साथ 2 अप्रैल को अदालत के सामने पेश करने का आदेश दिया। अन्य पीटीआई नेता जिनकी गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे, उनमें मुराद सईद, शिबली फराज, शाहबाज गिल और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल शब्बीर अवान, शिरीन मजारी, मुसर्रत जमशेद चीमा और साद जमील अब्बासी शामिल हैं। पुलिस ने इन सैकड़ों पीटीआई कार्यकर्ताओं सहित सभी वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार कर हिंसा और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल होने के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया गया। कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में 9 मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा पूर्व पीएम इमरान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी पहली बार भीड़ ने हमला किया।