पीटीआई समर्थक फराज अली खान ने कहा, ‘सेना के बुद्धिजीवी क्या सोचते हैं? क्या उन्हें लगता है कि वे इस तरह से आगे बढ़ सकते हैं? किसी न किसी दिन इसे खत्म होना ही है, फिर आसिम मुनीर कहां जाएंगे? मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि 10, 15 या 20 साल बाद वे कहां जाएंगे। वे तो बस सबके साथ युद्ध छेड़ रहे हैं। ये बलूचिस्तान में जंग कर रहे हैं। ये पंजाब के लिए सबसे जंग कर रहे हैं। ये हिंदुस्तान से जंग कर रहे हैं। इनके 25 करोड़ लोगों के पास खाने को कुछ नहीं है और ये जंग कर रहे हैं। हमें तो हिंदुस्तान से कोई समस्या नहीं है। हमारे साथ कई भारतीय काम कर रहे हैं। हमें आज तक कोई समस्या नहीं हुई। बस एक ही समस्या है- हमारी (पाकिस्तान की) सेना लगातार राजनीतिक मामलों में दखल दे रही है। यही सेना समस्या है। मुझे समझ आ गया है कि इस तरह से काम नहीं चलेगा। युद्ध लड़ते रहो। आसिम मुनीर को यह समझना होगा कि राजनीतिक प्रक्रिया चलती रहेगी। आप तो बस एक मोहरा हैं, सिंहासनों के खेल में। आपको देर-सवेर जाना ही होगा। पीटीआई समर्थक फराज अली खान ने कहा, ‘सेना के बुद्धिजीवी क्या सोचते हैं? क्या उन्हें लगता है कि वे इस तरह से आगे बढ़ सकते हैं? किसी न किसी दिन इसे खत्म होना ही है, फिर आसिम मुनीर कहां जाएंगे? मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि 10, 15 या 20 साल बाद वे कहां जाएंगे। वे तो बस सबके साथ युद्ध छेड़ रहे हैं। ये बलूचिस्तान में जंग कर रहे हैं। ये पंजाब के लिए सबसे जंग कर रहे हैं। ये हिंदुस्तान से जंग कर रहे हैं। इनके 25 करोड़ लोगों के पास खाने को कुछ नहीं है और ये जंग कर रहे हैं। हमें तो हिंदुस्तान से कोई समस्या नहीं है। हमारे साथ कई भारतीय काम कर रहे हैं। हमें आज तक कोई समस्या नहीं हुई। बस एक ही समस्या है- हमारी (पाकिस्तान की) सेना लगातार राजनीतिक मामलों में दखल दे रही है। यही सेना समस्या है। मुझे समझ आ गया है कि इस तरह से काम नहीं चलेगा। युद्ध लड़ते रहो। आसिम मुनीर को यह समझना होगा कि राजनीतिक प्रक्रिया चलती रहेगी। आप तो बस एक मोहरा हैं, सिंहासनों के खेल में। आपको देर-सवेर जाना ही होगा।