नई दिल्ली: देश के कुछ हिस्सों में इन्फ्लुएंजा के बढ़ते मामलों और बदलते मौसम के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। स्वास्थ्य मंत्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन्फ्लुएंजा (H1N1, H3N2) की तैयारियों को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए अब ‘रियल टाइम निगरानी’ (Real-time Monitoring) प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।
समीक्षा बैठक के मुख्य बिंदु और कड़े निर्देश
- अस्पतालों की तैयारी: स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सभी राज्यों के प्रमुख अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
- दवाओं का स्टॉक: इन्फ्लुएंजा के उपचार में प्रभावी दवाओं (जैसे ओसेल्टामिविर) और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (PPE किट) का पर्याप्त बफर स्टॉक बनाए रखने को कहा गया है।
- परीक्षण की गति: प्रयोगशालाओं (Labs) को निर्देश दिए गए हैं कि सैंपलों की जांच में तेजी लाएं ताकि संक्रमित व्यक्ति की पहचान समय रहते हो सके।
- टीकाकरण पर जोर: स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और उच्च जोखिम वाले समूहों (बुजुर्गों और बच्चों) के लिए टीकाकरण अभियान को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है।
क्या है ‘रियल टाइम निगरानी’ की योजना?
सरकार ने इस बार इन्फ्लुएंजा से लड़ने के लिए तकनीक का सहारा लिया है। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के तहत एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए राज्यों से डेटा एकत्र किया जा रहा है।
- तत्काल डेटा अपडेट: अस्पतालों में आने वाले ‘इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी’ (ILI) और ‘गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण’ (SARI) के मामलों को तुरंत पोर्टल पर दर्ज करना अनिवार्य होगा।
- हॉटस्पॉट की पहचान: इस डेटा के विश्लेषण से सरकार यह जान सकेगी कि किस जिले या शहर में मामले अचानक बढ़ रहे हैं, ताकि वहां तुरंत विशेषज्ञ टीमें भेजी जा सकें।
- जीनोम सीक्वेंसिंग: वायरस के बदलते स्वरूप (Variants) पर नजर रखने के लिए नियमित अंतराल पर जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी।
आम जनता के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह
स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से पैनिक (घबराने) न करने की अपील की है, लेकिन सावधानी बरतने के लिए ‘कोविड-अनुकूल व्यवहार’ (Covid Appropriate Behaviour) अपनाने का सुझाव दिया है:
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का प्रयोग करें।
- हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं या सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
- फ्लू के लक्षण (तेज बुखार, खांसी, गले में खराश) दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और खुद को आइसोलेट करें।
“हम स्थिति पर पैनी नजर रख रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है और राज्यों के साथ निरंतर समन्वय में है। इन्फ्लुएंजा को रोकने के लिए निगरानी तंत्र को सबसे अधिक मजबूत किया गया है।” — जेपी नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री





