भारत और श्रीलंका के बीच आपदा प्रबंधन सहयोग को मजबूती देते हुए भारत सरकार ने पड़ोसी देश को बेली ब्रिज, अत्याधुनिक जल-शोधन इकाइयां और एक उन्नत डिजिटल आपदा-प्रतिक्रिया टूलकिट उपलब्ध कराई है। हाल के दिनों में श्रीलंका के कई क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित ढांचागत सुविधाओं के पुनर्निर्माण की आवश्यकता को देखते हुए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, भेजे गए बेली ब्रिज उन क्षेत्रों में तुरंत अस्थायी पुल निर्माण में सहायता करेंगे, जहां बाढ़ और भूस्खलन ने परिवहन व्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इस तरह के पोर्टेबल और मजबूत पुल आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
इसके साथ ही, भारत द्वारा प्रदान की गई जल-शोधन इकाइयां आपदा प्रभावित इलाकों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने में बड़ी मदद करेंगी। इन इकाइयों की क्षमता कम समय में बड़ी मात्रा में जल को स्वच्छ बनाने की है, जिससे स्थानीय आबादी को स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से बचाया जा सकेगा।
सबसे उल्लेखनीय योगदान के रूप में भारत ने श्रीलंका के साथ एक डिजिटल आपदा-प्रतिक्रिया टूलकिट भी साझा की है। यह टूलकिट आपदा प्रबंधन एजेंसियों को रीयल-टाइम डेटा, संसाधन मैपिंग और राहत कार्यों के समन्वय में तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। इसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन को अधिक सुचारू, त्वरित और वैज्ञानिक रूप देना है।
श्रीलंकाई अधिकारियों ने भारत की इस सहायता के लिए आभार व्यक्त किया है और कहा है कि यह पहल दोनों देशों की साझेदारी को और मजबूत बनाती है। दूसरी ओर, भारत ने भी संकेत दिया है कि वह क्षेत्रीय देशों के साथ सहयोग बढ़ाने और आपदा के समय मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
कुल मिलाकर, यह कदम न केवल दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम देता है, बल्कि दक्षिण एशिया में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को भी रेखांकित करता है।





