आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाने के संकल्प को मजबूत करते हुए क्वाड देशों—भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया—ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। संयुक्त बयान में चारों देशों ने दिल्ली स्थित ऐतिहासिक लाल किले पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है और इसे वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताया है। क्वाड ने स्पष्ट कहा कि ऐसे हमलों को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता और इसके दोषियों को हर हाल में कानून के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए।
क्वाड देशों ने इस घटना को आतंकवाद के बदलते स्वरूप का एक और उदाहरण बताते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर ऐसे हमलों की योजना बनाने वालों और उन्हें सहायता प्रदान करने वाले नेटवर्क को खत्म करना होगा। बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि आतंकवाद किसी भी देश, धर्म या विचारधारा से ऊपर उठकर मानवता पर सीधा हमला है, इसलिए वैश्विक सहयोग ही इसका प्रभावी समाधान है।
बैठक में सदस्य देशों ने आतंकवाद के खिलाफ सूचनाओं के आदान-प्रदान, वित्तीय नेटवर्क पर नियंत्रण और सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों पर सख्ती बढ़ाने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों को आश्रय या समर्थन देने वाले तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। क्वाड ने इसे दुनिया की सामूहिक जिम्मेदारी बताया।
विशेषज्ञों का मानना है कि क्वाड के इस संयुक्त बयान का असर कूटनीतिक स्तर पर कई देशों पर पड़ेगा, विशेषकर उन देशों पर जिन पर आतंकवादी संगठनों को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं। यह संदेश भी स्पष्ट है कि वैश्विक शक्तियां अब आतंकवाद से जुड़े मामलों में किसी तरह की ढिलाई या उपेक्षा के पक्ष में नहीं हैं।
कुल मिलाकर, क्वाड देशों का यह रुख आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों को तेज करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। लाल किले हमले की निंदा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है।





