Friday, November 28, 2025

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‘आतंकवाद का धर्म से कोई संबंध नहीं—यह भ्रम अब टूटा’ : राम माधव

दिल्ली में हुए हालिया धमाकों के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने एक बड़ा और तीखा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लाल किले में हुए बम विस्फोट ने उन मिथकों को तोड़ दिया है, जिनके आधार पर वर्षों से यह दावा किया जाता रहा कि आतंकवाद का किसी धर्म से कोई संबंध नहीं होता। उनके अनुसार, इस घटना ने इस धारणा को चुनौती दी है और कई स्थापित मान्यताओं को ध्वस्त किया है।

राम माधव ने कहा कि दुनिया भर में यह भ्रम फैलाया गया है कि आतंकवाद का शिक्षा या गरीबी से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन यह धारणा सही नहीं है। उनके अनुसार, आतंकवाद न तो सामाजिक-आर्थिक स्थिति का परिणाम है और न ही अशिक्षा का। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद की जड़ें विश्वास, वैचारिक प्रतिबद्धता और धार्मिक-वैचारिक प्रेरणाओं में होती हैं, जो किसी व्यक्ति को हिंसा के रास्ते पर धकेलती हैं।

आरएसएस नेता ने कहा कि आतंकवादियों की पहचान केवल उनकी पढ़ाई, नौकरी या सामाजिक पृष्ठभूमि से नहीं होती, बल्कि उस विचारधारा से होती है जिसमें वे दीक्षित होते हैं। उन्होंने कहा, “यह कहना कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, अब पुरानी और झूठी बात है। आतंकवादी किसी धर्म को पूरी तरह बदनाम नहीं करते, लेकिन वह धार्मिक प्रेरणा-तंत्र, जिसे वे अपने कृत्यों के लिए आधार बनाते हैं, उसे नकारा नहीं जा सकता।”

अपने बयान में राम माधव ने दावा किया कि दिल्ली धमाकों के मुख्य आरोपी ने अपने कृत्यों को सही ठहराने के लिए कुरान की आयतों का संदर्भ दिया था, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर उदारवादी वर्ग और मुस्लिम बुद्धिजीवियों को खुलकर सामने आना चाहिए और स्पष्ट रूप से अपनी बात रखनी चाहिए, ताकि समाज में फैलाई जा रही भ्रांतियों का अंत हो सके।

राम माधव के इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है, क्योंकि यह मुद्दा धर्म, आतंकवाद और वैचारिक कट्टरता जैसे संवेदनशील पहलुओं से जुड़ा हुआ है।

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