पिथौरागढ़ की तनुजा वर्मा, गैरसैंण की रोशनी और उत्तरकाशी की जशोदा ने ग्रामीण पृष्ठभूमि और परिवार की आर्थिक कमजोर के कारण पहले कभी लैपटॉप तक नहीं चलाया था। लेकिन, आज वे ड्रोन दीदी बनकर ड्रोन असैंबलिंग, रिपेयरिंग से लेकर फ्लाइंग आसानी से कर रही हैं। सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी कंप्यूटर एडेड लर्निंग सेंटर (आईटीडीए कैल्क) में ड्रोन सर्विस टेक्नीशियन कोर्स से अब ये बेटियां ड्रोन पायलट बनकर ऊंची उड़ान भर रही हैं। प्रदेश सरकार लगातार ग्रामीण और आर्थिक सामाजिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि वाले युवाओं में तकनीकी कौशल बढ़ाने पर जोर रही है। इसी क्रम में आईटीडीए कैल्क, केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता, युवा कल्याण विभाग के सहयोग से अनुसूचित जाति की युवतियों के लिए ड्रोन सर्विस टेक्नीशियन कोर्स संचालित कर रहा है।प्रांतीय युवा कल्याण निदेशालय परिसर में चल रहे इस कोर्स के पहले बैच की शुरुआत छह जनवरी से हो चुकी है। इसमें प्रदेश भर से 52 युवतियां शामिल हैं। कोर्स के तहत उन्हें 37 दिन में कुल 330 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाना है। प्रशिक्षण से लेकर रहने, खाने और आने जाने का व्यय तक सरकार की ओर से उठाया जा रहा है।प्रदेश सरकार युवाओं को ड्रोन रिपेयरिंग और संचालन का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ऋषिकेश और पिथौरागढ़ में दो आईटी स्किल ग्रोथ सेंटर संचालित कर रही है। देहरादून में चल रहा प्रशिक्षण ऋषिकेश सेंटर के जरिये दिया जा रहा है। ऋषिकेश सेंटर के प्रभारी वीरेंद्र चौहान के मुताबिक, कोर्स के बाद परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसमें सफल प्रशिक्षणार्थियों को केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। साथ ही प्रशिक्षण में प्रथम पांच स्थान पर रहे प्रशिक्षणार्थियों का निशुल्क ड्रोन भी दिया जाएगा। योजना के तहत कुल 200 युवक व युवतियों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाना है।