उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और कांग्रेस पार्टी की तीखी आलोचना की। उन्होंने कर्नाटक में धर्म-आधारित आरक्षण को लेकर संवैधानिक परिवर्तनों पर शिवकुमार की हालिया टिप्पणियों को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की विरासत का सीधा अपमान बताया। इसके अलावा उन्होंने दक्षिण भारतीय राज्यों में हिंदी को लेकर मचाए गए बेवजह के बवाल को वोट बैंक की राजनीति करार दिया। एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में सीएम आदित्यनाथ ने शिवकुमार की संविधान बदलने वाली टिप्पणी को संविधान का अपमान करार दिया। उन्होंने बताया कि संविधान के निर्माण के दौरान आंबेडकर ने धर्म-आधारित आरक्षण को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक सरकार की ओर से धर्म के आधार पर आरक्षण देना बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के संविधान का अपमान है। संविधान सभा में चर्चा के दौरान धर्म-आधारित आरक्षण का मुद्दा उठाया गया था और बाबासाहेब ने इसका विरोध किया था।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बाबासाहेब ने कहा था कि आरक्षण उन लोगों को सामाजिक रूप से दिया जाना चाहिए, जो वर्षों से अछूते रहे हैं। इसीलिए भारत के संविधान ने उनके लिए विशेष प्रावधान किए। संविधान सभा के प्रत्येक सदस्य ने धर्म-आधारित आरक्षण का विरोध किया, क्योंकि 1947 में देश धार्मिक आधार पर विभाजित हुआ था।’ उन्होंने कांग्रेस पर आंबेडकर के दृष्टिकोण को बार-बार कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा, ‘1952 से कांग्रेस ने भीमराव आंबेडकर के संविधान में हस्तक्षेप किया है।’ भाजपा की नीतियों के साथ तुलना करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस ने तीन तलाक का समर्थन किया था, जबकि यह मोदी सरकार थी, जिसने इस प्रथा को समाप्त किया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस महिला सशक्तिकरण की बात करती थी, लेकिन तीन तलाक का समर्थन करती थी। PM मोदी ने इसे समाप्त कर महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण पेश किया।’