विशाखापत्तनम/भुवनेश्वर। आंध्र प्रदेश में पिछले दो दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश और तेज़ हवाओं के चलते दो लोगों की मौत हो गई, जबकि लगभग 1.5 लाख एकड़ से अधिक कृषि भूमि की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है, वहीं भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं का अलर्ट जारी किया है।
आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी, काकीनाडा, श्रीकाकुलम और विजयनगरम जिलों में बारिश ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया है और ग्रामीण इलाकों में सड़क संपर्क बाधित है। प्रशासन के अनुसार, धान, मक्का और सब्जियों की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। प्रभावित इलाकों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और किसानों के नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व विभाग की टीमें मौके पर भेजी गई हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि तेज़ हवाओं के कारण कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए हैं, जिससे कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। मछुआरों को अगले 48 घंटों तक समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।
इस बीच, मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बंगाल की खाड़ी में बन रहा निम्न दबाव का क्षेत्र अगले 24 घंटों में गहरे दबाव में बदल सकता है, जिससे पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। कोलकाता, पुरुलिया, बालासोर और गंजाम जिलों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
ओडिशा सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। तटीय इलाकों में एनडीआरएफ और ओडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने और किसानों को राहत सहायता प्रदान करने के आदेश दिए हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि आगामी 48 घंटे पूर्वी भारत के लिए बेहद संवेदनशील रहेंगे और समुद्र में ऊंची लहरें उठने की आशंका है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें।





