अहमदाबाद में रथ यात्रा के दौरान खड़िया गोलावद के पास लोगों की भीड़ देखकर हाथी बेकाबू हो गया, जिससे अफरातफरी मच गई। चिड़ियाघर अधीक्षक समेत टीम मौके पर पहुंची और गजराज को डॉक्टरों की टीम ने इंजेक्शन देकर काबू में कर लिया।
बेकाबू हाथी को काबू में करने के बाद उसे बांधकर रथ यात्रा के किनारे ले जाया गया है। हाथी के बेकाबू होने की वजह से ट्रक फंस गए और करीब 15 मिनट तक खड़िया में ट्रक फंसे रहने के बाद रथ यात्रा फिर से शुरू हो गई।
बताया जा रहा है कि जुलूस के दौरान एक युवक घायल हो गया। घायल युवक को 108 एंबुलेंस के जरिए इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है। अहमदाबाद में रथ यात्रा के दौरान खड़िया गोलावड़ के पास लोगों की भीड़ को देखकर हाथी बेकाबू हुआ था।
400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से शुरू हुआ भव्य जुलूस के पुराने शहर से होते हुए रात 8 बजे तक वापस आने की उम्मीद है। जुलूस में आमतौर पर 17 हाथी, 100 ट्रक और 30 अखाड़े (स्थानीय व्यायामशालाएं) होते हैं। यह दिन में 16 किलोमीटर की दूरी तय करता है। आरके साहू ने कहा कि इन हाथियों में से केवल एक नर है। आरके साहू के पास ही इन हाथियों के स्वास्थ्य की जांच करने और कार्यक्रम से पहले फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करने की जिम्मेदारी थी। साहू ने कहा, ‘जब जुलूस खड़िया गेट पर पहुंचा, तो हाथी अचानक तेज संगीत और सीटी की आवाज की वजह से बेकाबू हो गया। वह भागने लगा और निर्धारित मार्ग से भटक गया।’
उन्होंने कहा कि दो हाथियों पर सवार महावतों ने उग्र हाथी का पीछा किया और उसे काबू किया। वायरल वीडियो में हाथी को एक संकरी गली में घुसने से पहले एक बैरिकेड तोड़ते और भीड़ में भागते हुए देखा जा सकता है। साहू ने कहा कि हाथी को बिना किसी ट्रैंक्विलाइजर की मदद के तुरंत काबू में कर लिया गया। उन्होंने कहा कि कांकरिया चिड़ियाघर, वन विभाग और पशु चिकित्सक हाथियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘तीन टीमों को ट्रैंक्विलाइजिंग गन के साथ मार्ग पर तैनात किया गया है।’