नई दिल्ली/ढाका: बांग्लादेश में जारी राजनीतिक अस्थिरता और सांप्रदायिक तनाव के बीच अमेरिकी दूतावास द्वारा जारी हालिया सुरक्षा चेतावनी (Security Advisory) ने भारत सरकार और सुरक्षा विशेषज्ञों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। वाशिंगटन ने ढाका में अपने नागरिकों को संभावित बड़े पैमाने पर अशांति और हिंसक प्रदर्शनों के प्रति आगाह किया है। इस इनपुट के बाद, भारत की सीमा सुरक्षा एजेंसियां विशेष रूप से अलर्ट हो गई हैं, क्योंकि बांग्लादेश के बिगड़ते हालात का सीधा असर भारत की आंतरिक सुरक्षा और सीमावर्ती राज्यों पर पड़ना तय माना जा रहा है।
चेतावनी के मुख्य बिंदु: क्यों सहमा है दक्षिण एशिया?
- हिंसा की आशंका: अमेरिकी दूतावास ने संकेत दिए हैं कि बांग्लादेश में अगले कुछ दिन अत्यधिक संवेदनशील हो सकते हैं, जहाँ भीड़ द्वारा सरकारी संपत्तियों और विशिष्ट समुदायों को निशाना बनाया जा सकता है।
- भारत की सीमा पर सतर्कता: खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश में अशांति बढ़ने से भारत के सीमावर्ती राज्यों (पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और त्रिपुरा) में अवैध घुसपैठ का खतरा बढ़ सकता है।
- सामरिक चिंता: भारत के लिए चिंता का विषय यह भी है कि अस्थिरता का फायदा उठाकर चरमपंथी तत्व सीमा पार सक्रिय हो सकते हैं, जो क्षेत्र की शांति के लिए बड़ी चुनौती है।
कूटनीतिक और सुरक्षात्मक कदम
भारत के विदेश मंत्रालय ने स्थिति पर पैनी नजर बना रखी है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) को ‘हाई अलर्ट’ पर रखा गया है और संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है। राजनयिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बांग्लादेश में गृह युद्ध जैसी स्थिति पैदा होती है, तो यह न केवल मानवीय संकट को जन्म देगी, बल्कि भारत के ‘नेबरहुड फर्स्ट’ (पड़ोस पहले) की नीति के लिए भी एक बड़ी परीक्षा होगी। सूत्रों के अनुसार, भारत ने अपने नागरिकों को भी बांग्लादेश की अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।





