अमेरिका ही नहीं बल्कि भारत के एक छोटे गांव में भी रिपब्लिकन पार्टी की चुनावी जीत का जश्न मनाया जा रहा है। यहां जश्न कोई हू हल्ला वाला नहीं है, बल्कि यहां चमक है चेहरों पर। इस खुशी का राज ये है कि इस गांव के लोगों को पता चल गया कि उनकी वंशज अमेरिका की अगली अगली ‘सेकंड लेडी’ होंगी। यानी की अमेरिका के अगले उपराष्ट्रपति जेडी वैंस की पत्नी उषा चिलुकुरी वैंस भारतवंशी हैं।
38 वर्षीय उषा वैंस का जन्म और पालन-पोषण अमेरिका के सैन डिएगो में हुआ है। उनके माता-पिता का पैतृक गांव आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले में वडलुरु है। पढ़ाई में होनहार छात्रा रहीं और किताबों से लगाव रखने वाली उषा ने आगे चलकर नेतृत्व के गुण दिखाए। भारत के दक्षिणी आंध्र प्रदेश राज्य में उनके पूर्वजों के गांव में रहने वाले लोगों ने प्रार्थना की है कि अब भारत और अमेरिका के ऐतिहासिक संबंधों में उनकी भूमि के जरिए और सुधार आएगा। साथ ही उम्मीद जताई है कि उषा अपने पैतृक स्थान को कुछ फायदा दिलाएंगी।वाशिंगटन में व्हाइट हाउस से 13,450 (8,360 मील) से अधिक दूरी पर ताड़ के पेड़ों के बीच बिखरे हुए सफेद घरों वाले गांव वाडलुरु के निवासी 53 वर्षीय श्रीनिवास राजू ने कहा, ‘हमें खुशी महसूस हो रही है। हम ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं।’ इसके अलावा, ग्रामीणों ने ट्रंप की जीत के लिए प्रार्थना की और हिंदू पुजारी अप्पाजी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उषा वैंस भारत के लिए कुछ करेंगी।
ट्रंप के लिए गणेश भगवान की मूर्ति के पास दीया जलाने के बाद भगवा वस्त्र पहने 43 वर्षीय पुजारी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि वह हमारे गांव की मदद करेंगी। अगर वह अपनी जड़ों को पहचान सकें और इस गांव के लिए कुछ अच्छा कर सकें, तो यह बहुत अच्छा होगा।’
वडलूरु गांव से ऊषा के परदादा ने बाहर कदम रखा था। उनके पिता चिलुकुरी राधाकृष्णन ने चेन्नई में शिक्षा प्राप्त की और फिर अमेरिका में जाकर पढ़ाई पूरी की। गांव के 70 वर्षीय वेंकटा रमणय्या ने कहा, ‘हर भारतीय को गर्व है कि ऊषा भारतीय मूल की हैं। हमें उम्मीद है कि वह हमारे गांव का विकास करेंगी।’ हालांकि, उषा ने कभी गांव का दौरा नहीं किया, लेकिन पुजारी का कहना है कि उनके पिता करीब तीन साल पहले आए थे और मंदिर की स्थिति की जानकारी ली थी। रमणय्या ने कहा, ‘हमने ट्रंप का शासन देखा है बहुत अच्छा था। ट्रंप के समय में भारत-अमेरिका संबंध बहुत अच्छे रहे।’