Wednesday, July 2, 2025

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अमेरिका से इस्राइल आने वाले हथियारों में कमी आई

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को यरूशलम में एक कैबिनेट बैठक के बाद एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका हथियारों की डिलीवरी रोक रहा है। अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए नेतन्याहू ने बताया कि चार महीने पहले अमेरिका से इस्राइल आने वाले हथियारों में तेजी से कमी आई थी। कई हफ्तों तक हमने अपने अमेरिकी दोस्तों से बातचीत की और उन्हें हथियारों के शिपमेंट में तेजी लाने का अनुरोध किया। नेतन्याहू ने बैठक की शुरूआत में ही जो बाइडन प्रशासन को घेरा। उन्होंने कहा, “करीब चार महीने पहले तक अमेरिका से इस्राइल आने वाले हथियार सामग्री में कमी कई थी। हमने कई हफ्तों तक अमेरिका से शिपमेंट में तेजी लाने का अनुरोध किया। हमने ऐसा बार-बार किया। हमने उच्चतम स्तर पर ऐसा किया। हमें सभी प्रकार के स्पष्टीकरण मिले। बुनियादी स्थिति नहीं बदली। कुछ वस्तुएं छिटपुट रूप से आईं, लेकिन बड़े पैमाने पर युद्ध सामग्री पीछे ही रही गई। हालांकि, नेतन्याहू ने यह स्पष्ट नहीं किया कि व किस हथियार की बात कर रहे हैं।” मई में अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने 500 पौंड और दो हजार पौंड बमों की शिपमेंट में देरी की पुष्टि की। अमेरिका को डर था कि इस्राइल इन हथियारों का इस्तेमाल राफा में कर सकता है। नेतन्याहू की टिप्पणी विदेश मंत्री योग गैलेंट के शनिवार को अमेरिका के लिए रवाना होने के बाद आई। बता दें कि योव गैलेंट गाजा, लेबनान की स्थिति और ईरान की धमकियों को लेकर लेकर चर्चा करने के लिए अमेरिका गए। नेतन्याहू 24 जुलाई को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करने वाले हैं।

इस कैबिनेट बैठक में नेतन्याहू ने मेजर-जनरल की नियुक्तियों की भी घोषणा की। दक्षिण और लेबनान की सीमा के पास रहने वाले नागरिकों को वापस भेजने के लिए उन्होंने यिफ्ताह रॉन-ताल और वाइस एडमिरल एलीएजेर मैरोम को नियुक्त किया है। बता दें कि पिछले साल अक्तूबर में हिजबुल्ला आतंकियों ने इन क्षेत्रों में रोजाना रॉकेट दाग रहे थे, जिसके कारण  60,000 इस्राइलियों को विस्थापित होना पड़ा था। सात अक्तूबर के बाद से हिजबुल्ला के हमले में अबतक 10 नागरिक और 14 सैनिकों की मौत हो चुकी है।

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