Wednesday, August 27, 2025

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अमेरिका में 5.5 करोड़ वीजाधारकों पर मंडरा रहा खतरा

वॉशिंगटन।
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका में अवैध प्रवासियों और विदेशी वर्करों पर नकेल कसने की कार्रवाई तेज हो गई है। इसी क्रम में अब अमेरिकी प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए विदेशी ट्रक ड्राइवरों के लिए वीजा जारी करना तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है।

इस फैसले की जानकारी अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की। उन्होंने लिखा—

“हम तत्काल प्रभाव से वाणिज्यिक ट्रक चालकों के लिए श्रमिक वीजा जारी करना रोक रहे हैं। अमेरिकी सड़कों पर विदेशी चालकों की बढ़ती संख्या न केवल नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह अमेरिकी ट्रक ड्राइवरों की आजीविका पर भी असर डाल रही है।”

क्यों लिया गया यह फैसला?

इस निर्णय के पीछे ताज़ा वजह हरजिंदर सिंह नामक एक अवैध प्रवासी है, जो ट्रक ड्राइवर के तौर पर काम कर रहा था। फ्लोरिडा हाईवे पर 12 अगस्त को उसने बिना अनुमति एक आधिकारिक प्रवेश बिंदु से यू-टर्न लेने की कोशिश की। इसके चलते उसका ट्रक हाईवे की सभी लेन पर आड़ा खड़ा हो गया और बड़ा हादसा हो गया। इस दुर्घटना में तीन लोगों की जान चली गई

हादसे के बाद अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने हरजिंदर सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसी घटना ने प्रशासन को विदेशी ट्रक ड्राइवरों पर बैन लगाने के लिए मजबूर कर दिया।

पहले भी जारी हुए थे कड़े निर्देश

  • अप्रैल के अंत में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आदेश दिया था कि अमेरिका में काम कर रहे सभी ट्रक ड्राइवरों को अंग्रेजी भाषा में दक्षता अनिवार्य रूप से साबित करनी होगी।
  • ट्रक चालकों को ट्रैफिक संकेत पढ़ने-समझने, सुरक्षा अधिकारियों और कृषि चौकियों के कर्मचारियों से बातचीत करने की क्षमता जरूरी बताई गई थी।
  • व्हाइट हाउस ने साफ कहा था कि यह कदम सड़कों की सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखने के लिए है।

5.5 करोड़ वीजा धारकों की समीक्षा

विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि वह 5.5 करोड़ से अधिक अमेरिकी वीजाधारकों की समीक्षा कर रहा है। इसमें उन सभी लोगों के मामले जांच के दायरे में होंगे जिन्होंने—

  • वीजा अवधि से अधिक समय तक ठहराव किया है,
  • किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल रहे हैं,
  • या किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधि से जुड़े पाए गए हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस समीक्षा के आधार पर बड़े पैमाने पर निर्वासन (Deportation) की कार्रवाई भी हो सकती है।

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