डलास/वॉशिंगटन।
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे एक प्रवासी द्वारा भारतीय मोटल प्रबंधक की नृशंस हत्या ने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया है। टेक्सास के डलास में डाउनटाउन सुइट्स मोटल के प्रबंधक चंद्र नागमलैया (57) की 10 सितंबर को सिर कलम कर हत्या कर दी गई। इस वारदात का आरोपी 37 वर्षीय योरडानिस कोबोस मार्टिनेज (क्यूबा मूल का नागरिक) है, जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहा था।
डीएचएस ने बाइडन प्रशासन पर साधा निशाना
अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने इस घटना की तीखी निंदा करते हुए कहा कि “अगर बाइडन प्रशासन ने मार्टिनेज को देश में रहने की अनुमति नहीं दी होती, तो यह खौफनाक हत्या रोकी जा सकती थी।” विभाग ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा—
“इस दुष्ट अपराधी ने एक निर्दोष व्यक्ति का उसकी पत्नी और बेटे के सामने सिर काटा और उसका सिर जमीन पर पटका। यह पूरी तरह से रोकी जा सकने वाली हत्या थी। लेकिन क्यूबा द्वारा उसे वापस लेने से इनकार करने के बावजूद बाइडन प्रशासन ने उसे अमेरिका में रहने दिया।”
डीएचएस ने इस घटना का हवाला देते हुए ट्रंप प्रशासन की सख्त आप्रवासन नीति का समर्थन किया। विभाग ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और गृह सचिव क्रिस्टी नोएम ने साफ कर दिया है कि अवैध अपराधी अब अमेरिका में “अनिश्चितकाल तक” नहीं रह सकते। ऐसे लोगों को तीसरे देशों—जैसे एस्वातिनी, युगांडा, दक्षिण सूडान या अल-सल्वाडोर—में भेजा जाएगा।
घटना कैसे हुई?
मार्टिनेज मोटल में कर्मचारी था। घटना के दिन उसने नागमलैया पर धारदार हथियार से कई बार हमला किया। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखा कि वह पीड़ित का पीछा करता रहा और हमले जारी रखे, जब तक नागमलैया का सिर नहीं कट गया। इसके बाद आरोपी ने पीड़ित का सिर उठाकर मोटल परिसर में पटक दिया और बाद में कूड़ेदान में डाल दिया। यह वारदात नागमलैया की पत्नी और 18 वर्षीय बेटे के सामने हुई, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई।
आरोपी की पृष्ठभूमि
सूत्रों के अनुसार, मार्टिनेज का आपराधिक इतिहास रहा है और हाल ही में उसे हिरासत से रिहा किया गया था। अब उसे गिरफ्तार कर हत्या के आरोप में डलास काउंटी की राजधानी जेल में रखा गया है। शुक्रवार को DHS ने घोषणा की कि इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) ने मार्टिनेज को देश से निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ट्रंप की प्रतिक्रिया
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस जघन्य हत्या की निंदा की और कहा कि आरोपी को “पहले दर्जे की हत्या” के तहत कठोरतम सजा दी जाएगी। उन्होंने वादा किया कि उनकी सरकार अमेरिका को फिर से सुरक्षित बनाएगी और अवैध प्रवासी अपराधियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरतेगी।
डलास की इस भयावह घटना ने न केवल प्रवासी नीति पर बहस को तेज कर दिया है, बल्कि भारतीय समुदाय में भी गहरी चिंता और रोष पैदा कर दिया है।





