अमेरिका में भारतीय मूल के व्यवसायी चंद्रकांत पटेल और तीन पुलिस प्रमुखों समेत चार कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर यू वीजा धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाया गया है। यह मामला लुइसियाना के ला-फेयेट में दर्ज किया गया है, जहां अदालत में दाखिल दस्तावेजों के आधार पर सभी पर झूठी अपराध रिपोर्ट तैयार कर वीजा दिलाने की साजिश रचने का आरोप है।
🔹 क्या है मामला?
- कैलिफोर्निया के ओकडेल निवासी चंद्रकांत पटेल, चाड डॉयल, ग्लिन डिक्सन, टेबो ओनिशिया और सिटी मार्शल माइकल स्लेनी पर बुधवार को अभियोग लगाया गया।
- इन सभी ने कथित रूप से अप्रवासियों के यू वीजा आवेदन को मजबूत बनाने के लिए फर्जी पुलिस रिपोर्ट तैयार की।
- यू वीजा उन अप्रवासियों के लिए होता है जो अपराध का शिकार हुए हों और जांच में सहयोग कर रहे हों।
🔹 फर्जी रिपोर्ट और पैसों की लेन-देन
- जांच में सामने आया है कि पटेल ने अप्रवासियों से हजारों डॉलर लिए ताकि वे खुद को डकैती या शोषण का पीड़ित बता सकें।
- फिर वह अपने पुलिस संपर्कों के माध्यम से झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाता था, जिसमें संबंधित अप्रवासी को पीड़ित बताया जाता था।
🔹 खुद भी ले चुका है यू वीजा
- दिलचस्प बात यह है कि 2023 में चंद्रकांत पटेल को भी यू वीजा उसी तरह की कथित झूठी डकैती रिपोर्ट के आधार पर मिला था।
- अब उस वीजा की वैधता भी जांच के घेरे में आ गई है।
🔹 यू वीजा क्या है?
- यू वीजा, अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) द्वारा उन अप्रवासियों को दिया जाता है जिन्होंने गंभीर अपराधों का मानसिक या शारीरिक शोषण झेला हो और जांच में सहयोग किया हो।
- यह वीजा, अप्रवासियों को अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति देता है और भविष्य में ग्रीन कार्ड के रास्ते भी खोल सकता है।
यह मामला केवल वीजा धोखाधड़ी नहीं बल्कि अमेरिकी आव्रजन प्रणाली के साथ गहरी साजिश और भ्रष्टाचार को दर्शाता है, जिसमें एक व्यवसायी और कानून प्रवर्तन अधिकारी शामिल थे। अब देखने वाली बात यह होगी कि अदालत इस मामले को कैसे हैंडल करती है और यू वीजा प्रणाली की पारदर्शिता को बहाल करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं