वॉशिंगटन।
अमेरिका में पिछले तीन दिनों से चल रही खराब मौसम की स्थिति ने हवाई यातायात को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। देशभर में 6,000 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जबकि हजारों उड़ानें घंटों की देरी से चल रही हैं। सबसे ज्यादा असर न्यूयॉर्क, शिकागो, अटलांटा और बोस्टन के हवाई अड्डों पर देखा गया, जहां यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
अमेरिकी उड्डयन प्राधिकरण के अनुसार, रद्द की गई उड़ानों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की उड़ानें शामिल हैं। मौसम विभाग ने बताया कि पूर्वोत्तर और मिडवेस्ट क्षेत्रों में तेज हवाओं, भारी बारिश और बर्फबारी के कारण दृश्यता बेहद कम हो गई है, जिससे उड़ान संचालन असुरक्षित हो गया।
न्यूयॉर्क का लागार्डिया और जेएफके एयरपोर्ट सबसे अधिक प्रभावित रहे। यहां सैकड़ों उड़ानें अचानक रद्द होने से यात्रियों को एयरपोर्ट पर घंटों इंतजार करना पड़ा। कई यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों के लिए दो से तीन दिन बाद की तारीखें दी गईं। इसी तरह, शिकागो ओ’हारे और अटलांटा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी लंबी कतारें और अव्यवस्था देखी गई।
फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट ‘फ्लाइटअवेयर’ के अनुसार, शुक्रवार से रविवार के बीच 6,000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं, जबकि करीब 12,000 उड़ानें विलंबित रहीं। केवल रविवार को ही लगभग 2,000 उड़ानें समय पर रवाना नहीं हो सकीं।
कई प्रमुख एयरलाइनों – जैसे डेल्टा, यूनाइटेड और अमेरिकन एयरलाइंस – ने मौसम की स्थिति को देखते हुए यात्रियों को टिकट रद्द या रीशेड्यूल करने की नि:शुल्क सुविधा दी है।
फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने बयान जारी करते हुए कहा कि सुरक्षा सर्वोपरि है और प्रतिकूल मौसम के कारण विमानों को टेकऑफ या लैंडिंग की अनुमति नहीं दी जा सकती। एजेंसी ने यह भी बताया कि जैसे ही मौसम में सुधार होगा, उड़ानों को क्रमवार फिर से शुरू किया जाएगा।
मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाले 24 घंटे भी चुनौतीपूर्ण रह सकते हैं, खासतौर पर न्यू इंग्लैंड और मिड-अटलांटिक क्षेत्रों में। वहां तेज हवाएं और बर्फीला तूफान फिर से सक्रिय हो सकता है।
इस अप्रत्याशित मौसम ने थैंक्सगिविंग यात्रा सीजन की तैयारियों को भी प्रभावित किया है। लाखों अमेरिकी नागरिक इस दौरान देशभर में अपने परिवारों से मिलने की योजना बना रहे थे, लेकिन अचानक रद्द हुई उड़ानों ने उनकी योजनाओं पर पानी फेर दिया।
विशेषज्ञों के मुताबिक, लगातार बदलते मौसम और हवाई यातायात पर बढ़ते दबाव के चलते अमेरिकी एविएशन सिस्टम की क्षमता और तैयारी एक बार फिर सवालों के घेरे में है।





