वॉशिंगटन/लंदन।
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का दौर लगातार जारी है। अलग-अलग शहरों में लोग सड़कों पर उतरकर उनकी आर्थिक, आव्रजन और विदेश नीति पर असहमति जता रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप की नीतियों ने न केवल घरेलू मोर्चे पर आम नागरिकों की मुश्किलें बढ़ाई हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अमेरिका की छवि को नुकसान पहुंचाया है। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने महंगाई, रोजगार और सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।
इसी बीच, ब्रिटेन में फिलिस्तीन समर्थक संगठन ‘फिलिस्तीन एक्शन’ के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों ने पुलिस की परेशानी बढ़ा दी। संगठन के कार्यकर्ताओं ने लंदन सहित कई शहरों में हथियार निर्माण करने वाली फैक्ट्रियों और उनके दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि ब्रिटेन की कंपनियां इजराइल को हथियार और उपकरण मुहैया करवा रही हैं, जिनका इस्तेमाल गाजा में किया जा रहा है।
ब्रिटिश पुलिस ने इन प्रदर्शनों के दौरान करीब 400 समर्थकों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों का कहना है कि कई प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री परिसरों में घुसने और कामकाज बाधित करने की कोशिश की, जिसके बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई करनी पड़ी। हालांकि, संगठन ने गिरफ्तारी को अलोकतांत्रिक करार दिया है और कहा है कि वे फिलिस्तीन के समर्थन में अपनी मुहिम जारी रखेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और ब्रिटेन में उभर रहे ये विरोध प्रदर्शन संकेत हैं कि पश्चिमी देशों की नीतियों को लेकर आम जनता में असंतोष गहराता जा रहा है। अमेरिका में जहां ट्रंप की नीतियां निशाने पर हैं, वहीं ब्रिटेन में फिलिस्तीन मुद्दे को लेकर सरकार और कंपनियों के खिलाफ नाराजगी उभरकर सामने आ रही है।