अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ के विरोध में तमाम देश जवाबी टैरिफ लगा रहे हैं। लेकिन ताइवान ने ऐसा कुछ नहीं करने वाला है। ताइवान ने कहा कि हम अमेरिका की ओर से लगाए गए 32 फीसदी टैरिफ के जवाब में पांच सूत्रीय रणनीति पर काम करेंगे। ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने कहा कि हम अमेरिका पर जवाबी टैरिफ नहीं लगाएंगे। राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने कहा कि पांच सूत्रीय कार्यक्रम के तहत हमारी पहली रणनीति बातचीत के माध्यम से पारस्परिक टैरिफ दरों में सुधार के लिए हर संभव प्रयास करने की है। दूसरी रणनीति प्रभावित घरेलू उद्योगों के लिए सहायता योजना अपनाना, तीसरी रणनीति मध्यम और दीर्घकालिक आर्थिक विकास योजनाएं अपनाना, चौथी रणनीति नई ताइवान प्लस अमेरिका योजना बनाना और पांचवी रणनीति में औद्योगिक दौरे शुरू करना है। राष्ट्रपति लाई ने कहा कि सरकार और नागरिक समाज ताइवान की अर्थव्यवस्था के लिए व्यापक रास्ता खोलने के लिए कार्यकारी युआन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का समर्थन करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि टैरिफ का बड़ा प्रभाव पड़ेगा। ताइवान एक निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था है। इसलिए देश खतरे को सुरक्षा में बदलने के लिए सावधानीपूर्वक आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि पिछले साल ताइवान का अमेरिका को निर्यात 111.4 अरब अमेरिकी डॉलर का था, जो कुल निर्यात मूल्य का 23.4 प्रतिशत था। जबकि दुनिया भर में बेचे जाने वाले उत्पादों का 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सा अमेरिका के अलावा अन्य देशों को बेचा गया। राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका को बेचे जाने वाले उत्पादों में आईसीटी उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक घटकों का हिस्सा 65.4 प्रतिशत था। इससे पता चलता है कि ताइवान की अर्थव्यवस्था में अभी भी काफी लचीलापन है। जब तक हमारी प्रतिक्रिया रणनीति उचित हैं और सार्वजनिक व निजी क्षेत्र मिलकर काम करते हैं, तो हम प्रभावों को कम कर सकते हैं। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।
राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने कहा कि ताइवान की जवाबी टैरिफ अपनाने की कोई योजना नहीं है। पांच सूत्री रणनीति की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि पहली रणनीति पांच तरीकों का उपयोग करते हुए वार्ता के माध्यम से पारस्परिक टैरिफ दरों में सुधार करने का प्रयास करने के बारे में है। दूसरी डंप किए गए माल के अवैध ट्रांसशिपमेंट से संबंधित है। इससे प्रभावित उद्योगों को समय पर और आवश्यक समर्थन और सहायता मिलेगी। तीसरी रणनीति में राष्ट्रपति ने मध्यम और दीर्घकालिक आर्थिक विकास योजनाओं को अपनाने की बात कही। इसके तहत सरकार मित्रों और सहयोगियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करेगी। अलग-अलग बाजारों का विकास करेगी। उन्होंने ताइवान को एआई द्वीप बनाने और खाद्य, कपड़े, आवास और परिवहन के साथ-साथ सैन्य, सुरक्षा और निगरानी, अगली पीढ़ी के संचार और चिकित्सा और स्वास्थ्य और कल्याण उद्योगों के लिए मौजूदा प्रयोगों को बढ़ावा देने की बात कही।
रणनीति चार के तहत राष्ट्रपति ने ताइवान प्लस अमेरिका व्यवस्था पर जोर दिया। इसके तहत सरकार निवेश को प्रोत्साहित करेगी, विनियमन को लागू करेगी। रणनीति पांच में उद्योग की सुनवाई यात्राएं शुरू करना शामिल है। राष्ट्रपति ने कहा कि ताइवान की अर्थव्यवस्था पहले से कहीं अधिक मजबूत और लचीली होकर उभरी है।