नई दिल्ली। अमेरिका ने चाबहार बंदरगाह परियोजना पर लगाए गए प्रतिबंधों से भारत को छह महीने की अस्थायी छूट प्रदान की है। यह निर्णय भारत और ईरान के बीच चल रही सामरिक एवं आर्थिक साझेदारी के लिए राहत की खबर माना जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को हुई प्रेस वार्ता में इस संबंध में जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि अमेरिका की ओर से दी गई यह छूट भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि चाबहार बंदरगाह अफगानिस्तान और मध्य एशिया के लिए भारत का रणनीतिक द्वार है। इस बंदरगाह के जरिये भारत न केवल व्यापारिक मार्गों को मजबूत कर रहा है, बल्कि क्षेत्रीय संपर्क और विकास के लिए भी अहम भूमिका निभा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा, “हमने हमेशा कहा है कि चाबहार बंदरगाह एक क्षेत्रीय विकास परियोजना है, जिसका उद्देश्य व्यापारिक और मानवीय संपर्क को बढ़ावा देना है, न कि किसी तीसरे देश के खिलाफ कदम उठाना।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए ईरान के साथ लगातार संवाद में है।
अमेरिका ने छूट देते हुए कहा है कि यह फैसला “क्षेत्रीय स्थिरता” और “अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला की निरंतरता” को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने भी स्वीकार किया है कि चाबहार बंदरगाह अफगानिस्तान और मध्य एशिया के लिए व्यापारिक मार्ग खोलने में भारत की भूमिका को सशक्त बनाता है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस छूट से भारत को न केवल ईरान के साथ बुनियादी ढांचा विकास और लॉजिस्टिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे भारत की मध्य एशियाई देशों तक पहुंच भी सुलभ होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अमेरिका-भारत संबंधों की मजबूती को भी दर्शाता है। पिछले कुछ महीनों से दोनों देशों के बीच सामरिक और आर्थिक सहयोग में तेजी आई है, और चाबहार छूट को इसी कड़ी में देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि चाबहार बंदरगाह ईरान के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित है, जिसे भारत ने विकसित किया है। यह परियोजना पाकिस्तान को दरकिनार कर अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक भारत को सीधी पहुंच देती है।
अमेरिका द्वारा दी गई यह छह महीने की छूट भारत को फिलहाल परियोजना से जुड़े कार्यों को बिना किसी अवरोध के जारी रखने की अनुमति देती है। विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में इस छूट को स्थायी रूप से बढ़ाने की दिशा में भी प्रगति होगी।





