वॉशिंगटन। अमेरिका और जापान के बीच एक अहम व्यापार समझौता हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि अब जापानी उत्पादों पर टैरिफ को 25% से घटाकर 15% कर दिया गया है। ट्रंप ने इस समझौते को अमेरिका की बड़ी जीत करार दिया और दावा किया कि इससे “लाखों नौकरियां पैदा होंगी।”
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा,
“यह ऐतिहासिक सौदा है। जापान अब अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश करेगा और अमेरिकी ऑटोमोबाइल व चावल के लिए अपना बाजार खोलेगा।”
इससे पहले ट्रंप ने जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा को पत्र भेजकर 1 अगस्त से 25% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी।
टैरिफ के ज़रिए व्यापार संतुलन की कोशिश
ट्रंप प्रशासन का तर्क है कि टैरिफ से मिलने वाले राजस्व से बजट घाटा कम होगा और आयात महंगा होने से कंपनियां अमेरिका में कारखाने स्थानांतरित करने को मजबूर होंगी। अमेरिका और जापान के बीच पिछले साल वस्तुओं में 69.4 बिलियन डॉलर का व्यापार असंतुलन रहा था, जिसे यह समझौता ठीक करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।
फिलीपींस पर 19% टैरिफ, अमेरिकी उत्पादों को छूट
इसी कड़ी में ट्रंप ने फिलीपींस के साथ भी व्यापार समझौते की घोषणा की।
- फिलीपींस से आने वाले उत्पादों पर अब 19% टैरिफ लगेगा।
- अमेरिकी उत्पादों पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
- ट्रंप ने फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर की हालिया यात्रा को “सार्थक और मजबूत” करार दिया।
इंडोनेशिया पर भी टैरिफ, चीन से अलग वार्ता
- इंडोनेशिया के उत्पादों पर भी 19% टैरिफ लागू किया जाएगा।
- यूरोपीय संघ के साथ वार्ता बुधवार से वाशिंगटन में शुरू होगी।
- चीन के साथ अलग से बातचीत 12 अगस्त तक चलेगी।
- चीन से आने वाले सामान पर अभी 30% अतिरिक्त कर लगाया जा रहा है।
- अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट अगले सप्ताह स्टॉकहोम में चीनी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
बेसेंट बोले – विनिर्माण से उपभोग की ओर बढ़े चीन
बेसेंट ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को उपभोग से उत्पादन की ओर और चीन को उत्पादन से उपभोग की ओर ले जाया जाए, ताकि वैश्विक असंतुलन को सुधारा जा सके।
ट्रंप प्रशासन वैश्विक व्यापार नीतियों में अमेरिकी वर्चस्व को फिर से स्थापित करने की रणनीति पर काम कर रहा है — जहां टैरिफ एक रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल हो रहा है। जापान के साथ हुआ यह समझौता इस नीति का ताजा उदाहरण है।