कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोमवार एक बार फिर अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों को भेजने के तरीके पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा भारतीयों के एक समूह को निर्वासित करने के तरीके से भारत में चिंता और गुस्सा पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भारत को अमेरिका को बंद दरवाजों के पीछे संवेदनशीलता के साथ संदेश देना चाहिए। बता दें कि कांग्रेस नेता थरूर यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय अमेरिका यात्रा से पहले एक कार्यक्रम में कर रहे थे। जहां पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। साथ ही व्यापारिक नेताओं और भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत भी करेंगे।वरिष्ठ पत्रकार और विद्वान केवी प्रसाद की पुस्तक ‘भारतीय संसद: विदेश नीति को आकार देना’ के विमोचन के अवसर पर थरूर ने वहां उपस्थित श्रोताओं से कई मुद्दों पर बातचीत की। जहां उन्होंने कहा कि थरूर ने कहा कि पिछले सप्ताह 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित करके भारत लाया गया था। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के दौरान कुछ लोग आरोप लगा रहे थे कि उनके हाथ और पैर हथकड़ी से बंधे थे। उन्होंने कहा कि इस तरह का निर्वासन भारत में गुस्से और चिंता का कारण बना है।
कांग्रेस नेता थरूर ने यह भी कहा कि अगर कोई अवैध रूप से किसी देश में प्रवेश करता है, तो उस देश को उसे निर्वासित करने का अधिकार है। लेकिन भारत का दायित्व है कि अगर उनकी पहचान भारतीय है, तो उन्हें वापस लाया जाए। उन्होंने कहा कि इन लोगों के साथ सम्मान से पेश आना चाहिए और उन्हें हथकड़ी नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि वे अपराधी नहीं, बल्कि अवैध अप्रवासी हैं। साथ ही थरूर ने यह भी कहा कि मोदी और ट्रंप के बीच होने वाली बैठक के दौरान कुछ अप्रत्याशित मुद्दे भी सामने आ सकते हैं।





