रविवार तड़के किए गए अमेरिका के हमले में ईरान के फोर्डो परमाणु केंद्र को भारी नुकसान हुआ है। सैटेलाइट तस्वीरों से इसका खुलासा हुआ है। ईरान का फोर्डो परमाणु केंद्र भूमिगत था और एक पहाड़ के कई मीटर नीचे थे। अमेरिका ने अपने बी-2 स्टील्थ बॉम्बर से यहां हमला किया। यह हमला बंकर बस्टर बमों से किया गया, जिससे परमाणु केंद्र को भारी नुकसान होने की आशंका जताई गई। अब सैटेलाइट तस्वीरों से भी इसकी पुष्टि हो गई है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि फोर्डो परमाणु केंद्र जिस पहाड़ में मौजूद था, उसे भी अमेरिकी हमले में नुकसान हुआ है। हमले में परमाणु केंद्र के एंट्री पॉइंट तबाह हो गए हैं, जिससे ईरान को परमाणु केंद्र तक पहुंचने और नुकसान का आकलन करने के लिए ही काफी मशक्कत करनी होगी। अमेरिका ने फोर्डो परमाणु केंद्र पर 30,000 पाउंड वजनी छह बंकर बस्टर बमों से हमला बोला। अमेरिकी राष्ट्रपति ने हमले को सफल बताया है। फोर्डो परमाणु केंद्र एक पहाड़ को काटकर उसके नीचे बनाया गया था। यह परिसर 80-90 मीटर था। इस केंद्र में यूरेनियम संवर्धन के लिए 2700 सेंट्रीफ्यूज होने का दावा किया जाता है, जो 60 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन में सक्षम थे। परमाणु बम बनाने के लिए 90 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन की जरूरत होती है। यहां संवर्धित यूरेनियम से ईरान महज तीन हफ्तों में नौ परमाणु हथियार बनाने में सक्षम था।
ईरान के परमाणु केंद्र पर हमले के बाद अपने बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान के पास अब भी समय है कि वह शांति के रास्ते पर लौटे। उसे यह जंग खत्म करनी होगी। अगर ईरान ने अब भी हमला किया तो हम भी हमला करेंगे। शांति नहीं हुई तो विनाश होगा। अभी सभी लक्ष्यों पर हमले नहीं किए गए हैं। ट्रंप ने कहा, ‘यह जारी नहीं रह सकता। या तो शांति होगी या ईरान के लिए आफत होगी, जो पिछले आठ दिनों में हमारी ओर से देखी गई घटनाओं से कहीं अधिक गंभीर है। याद रखें, अभी कई लक्ष्य बचे हुए हैं। आज की रात उन सभी में सबसे कठिन थी और शायद सबसे घातक भी। अगर शांति जल्दी नहीं आती है तो हम सटीकता, गति और कौशल के साथ उन अन्य लक्ष्यों पर हमला करेंगे।