फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका के साथ हुए हालिया व्यापार समझौते को लेकर अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ (EU) को इस वार्ता में उतनी गंभीरता और ताकत के साथ पेश होना चाहिए था, जितनी अपेक्षित थी। उन्होंने साफ किया कि आगे की बातचीत में यूरोप को अधिक मजबूती और दबाव के साथ उतरना होगा, और फ्रांस इसमें अग्रणी भूमिका निभाएगा।
कैबिनेट बैठक में दो टूक टिप्पणी
फ्रांस 24 की रिपोर्ट के अनुसार, मैक्रों ने कहा,
“स्वतंत्र बनने के लिए पहले शक्तिशाली और भयभीत करने वाला होना पड़ता है।”
उन्होंने स्वीकार किया कि अमेरिका के साथ बातचीत में ईयू का पक्ष अपेक्षाकृत कमजोर था।
डील की शर्तें: टैरिफ और ऊर्जा खरीद की बड़ी डील
• नई व्यापार डील के तहत, यूरोपीय संघ के अधिकतर निर्यातों पर अमेरिका में 15% आयात शुल्क लगेगा।
o यह दर पूर्व ट्रंप युग से अधिक, लेकिन प्रस्तावित 30% से कम है।
• ऊर्जा समझौता: ईयू ने अगले 3 वर्षों में 750 अरब डॉलर की अमेरिकी LNG, कच्चा तेल और परमाणु ईंधन खरीदने की सहमति दी है।
• इसके अलावा, अमेरिका में 600 अरब डॉलर का निवेश करने की भी योजना है।
मैक्रों का संतुलित रुख
हालांकि उन्होंने डील को लेकर चिंता जताई, लेकिन इसे संभावनाओं से भरा और निकट भविष्य में स्थिरता देने वाला समझौता भी बताया, जो फ्रांसीसी और यूरोपीय निर्यात हितों को संरक्षण प्रदान करेगा।