नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने से इसके कारण पड़ने वाले असर को भांपते हुए कई राजनीतिक दलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। बढ़ते विरोध को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कड़े शब्दों में कह दिया है कि केंद्र सरकार को नागरिकता से संबंधित कानून बनाने और उन्हें लागू करने का अधिकार है। इसे निरस्त करना संभव नहीं है। हालांकि, अब विपक्षी दलों ने उनको आड़े हाथ ले लिया है। उनका कहना है कि वह पश्चिम बंगाल और असम में चुनाव जीतने के लिए अपना पहले वाला हथियार फिर से इस्तेमाल कर रहे हैं। सीएए पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, कोरोना महामारी से पहले सीएए बिल संसद में पारित हुआ था और नियमों को बनाने में उन्हें साढ़े चार साल लग गए। वे पश्चिम बंगाल और असम में विभाजन करना और चुनाव जीतना चाहते थे। फिर से वे पश्चिम बंगाल और असम जीतने के लिए उसी हथियार का उपयोग कर रहे हैं। अमित शाह का लोगों को धोखा देने का प्रयोग काम नहीं करेगा।’