ममता बैनर्जी के पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव में उतरने के बाद, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “ अभी कुछ और ‘दल’ भी छोड़ेंगे, ‘दल-दल’ में फंसना कोई नहीं चाहता’l
वहीं, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी I.N.D.I. गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में अकेले लड़ने का ममता बनर्जी का फैसला हताशा का संकेत है। अपनी राजनीतिक जमीन बरकरार रखने में असमर्थ वह सभी सीटों पर लड़ना चाहती है। इस उम्मीद में कि वह चुनाव के बाद भी प्रासंगिक हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि शर्मिंदा ममता ने अपना चेहरा बचाने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे की वकालत की और खुद को इस रेस से बाहर कर दिया। उन्हें एहसास हुआ कि उनकी घबराहट के बावजूद विपक्षी खेमे में उनके पास कोई पैसा नहीं था और वे लंबे समय से बाहर निकलने के लिए जमीन तैयार कर रही थीं, लेकिन तथ्य यह है कि राहुल गांधी के बंगाल में सर्कस आने से ठीक पहले उनकी अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा I.N.D.I. गठबंधन के लिए एक मौत की घंटी जैसा।