पटना।
बिहार की राजनीति में इन दिनों सबसे बड़ा सवाल यही है कि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे की बातचीत आखिर कब होगी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का बिहार चरण पूरा हो चुका है और आज उनका SIR कार्यक्रम भी संपन्न हो गया है। ऐसे में राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज है कि अब वे राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ बैठक कर सीटों पर अंतिम फैसला कब करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन के दोनों दलों के बीच प्रारंभिक स्तर पर बातचीत हो चुकी है, लेकिन सीटों की संख्या और वितरण को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। कांग्रेस चाहती है कि उसे पिछली बार से अधिक सीटें दी जाएं, जबकि राजद का मानना है कि उसका जनाधार और संगठनात्मक मजबूती को देखते हुए अधिक सीटें उसी के हिस्से आनी चाहिए।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी के कार्यक्रम पूरे होने के बाद अब उनका पूरा ध्यान सीट बंटवारे पर रहेगा। वहीं, तेजस्वी यादव भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द सीटों का फार्मूला तय हो, ताकि चुनावी तैयारी में देरी न हो।
कांग्रेस और राजद दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि महागठबंधन में कोई दरार नहीं है और बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। हालांकि, अंदरूनी खींचतान और दावेदारी के चलते अंतिम फार्मूले तक पहुंचने में कुछ समय और लग सकता है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर समय रहते सीट बंटवारे का फार्मूला तय नहीं हुआ, तो महागठबंधन की चुनावी रणनीति पर असर पड़ सकता है। वहीं, भाजपा और जदयू इस देरी को अपने लिए राजनीतिक अवसर मानकर पूरी तरह सक्रिय हैं।