देश में सौर ऊर्जा व इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी और चिप की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार अफ्रीकी व लैटिन अमेरिकी देशों से लिथियम व रेयर अर्थ मटेरियल के खनिज ब्लॉक खरीदने की तैयारी में है। फिलहाल, बैटरी और चिप निर्माण के लिए जरूरी कच्चे माल की आपूर्ति के लिए भारत चीन पर निर्भर है। खान मंत्रालय की संयुक्त सचिव वीना कुमारी डरमल ने मंगलवार को बताया कि अहम खनिज ब्लॉकों के लिए अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों की सरकारों से सरकार की सीधी बातचीत हो रही है। भारत ऊर्जा भंडारण गठबंधन (आईईएसए) की तरफ से आयोजित भारत ऊर्जा भंडारण सप्ताह (आईईएसडब्ल्यू) 2024 में डरमल ने कहा कि हम सरकार से जी2जी के आधार पर या प्राथमिकता के आधार पर खनिज ब्लॉक हासिल करने के लिए अफ्रीका के साथ–साथ लैटिन अमेरिका के कई संसाधन संपन्न देशों के साथ चर्चा कर रहे हैं। ब्यूरो भारत की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी खनिज विदेश इंडिया लि. (काबिल) अर्जेंटीना में अन्वेषण शुरू करने की प्रक्रिया में है। डरमल ने बताया कि जनवरी में काबिल ने अर्जेंटीना में पांच ब्लॉकों के लिए 2.4 करोड़ डॉलर के लिथियम खनन समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत के खान सचिव वीएल कांथा राव ने मार्च में एक कार्यक्रम में कहा कि भारत अफ्रीका में तांबा, कोबाल्ट और अन्य अहम खनिजों के लिए अवसरों की खोज कर रहा है। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया में भी लिथियम ब्लॉकों की भी खोज की जा रही है।





