पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से लाए गए दुष्कर्म रोधी विधेयक ‘अपराजिता’ आजकल काफी चर्चाओं में है। राष्ट्रीय जनता पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने अपराजिता विधेयक की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी विधेयक लाने की पैरवी की है। साथ ही पवार ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के एक बयान को लेकर उन पर हमला बोला। कहा कि किसी को भी लोगों के सामने गलत इतिहास पेश नहीं करना चाहिए। दरअसल, फडणवीस ने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत को कभी नहीं लूटा। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से दुष्कर्म रोधी विधेयक पारित किया। विधेयक हाल में पारित भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 कानूनों और पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम 2012 के पश्चिम बंगाल में क्रियान्वन में संशोधन करने का प्रस्ताव करता है। इसका मकसद महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा के जघन्य कृत्य की त्वरित जांच करना है। ऐसे मामलों की सुनवाई जल्द से जल्द कराना और सख्त से सख्त सजा दिलवाना है। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को एक महिला चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद सरकार विधेयक लेकर आई है। पवार ने कहा, ‘महाराष्ट्र को पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पारित विधेयक की तर्ज पर बिल लाने पर विचार करना चाहिए। मेरी पार्टी ऐसे विधेयक का समर्थन करती है। महाराष्ट्र में अभी विधानसभा का कोई सत्र नहीं होगा क्योंकि जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं। हम अपने चुनाव प्रचार में इस मुद्दे को उठाएंगे और चुनाव घोषणापत्र में भी इसका उल्लेख करेंगे।’
पूर्व राज्य गृह मंत्री और एनसीपी (एसपी) नेता अनिल देशमुख महा विकास अघाड़ी (एमवीए) शासन के दौरान विधायिका में पारित शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक, 2020 को लागू करने की मांग कर रहे हैं, जो राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए लंबित है। बता दें, शक्ति विधेयक में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
फडणवीस के शिवाजी महाराज पर दिए बयान पर शरद पवार ने कहा कि विवाद का मुद्दा यह है कि मराठा राजा ने सूरत को लूटा या नहीं। उन्होंने आगे कहा, ‘इस तथ्य के बावजूद, फडणवीस ने अलग बयान दिया, जिसमें उन्होंने संकेत दिया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने लूटपाट (सूरत) नहीं की। उपमुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने शिवाजी महाराज के बारे में गलत इतिहास फैलाया।’