कुमाऊं क्षेत्र में स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ग्रामीणों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। लंबे समय बाद सीएम को अपने बीच देखकर गांव में उत्साह और उल्लास का माहौल देखने को मिला। ढोल-नगाड़ों की थाप, पारंपरिक नृत्यों और जयघोषों के बीच मुख्यमंत्री का स्वागत बेहद भावनात्मक और उत्सवपूर्ण रहा।
गांव की गलियों में जैसे ही मुख्यमंत्री का काफिला पहुंचा, स्थानीय लोग घरों से बाहर आ गए। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर कोई सीएम धामी को करीब से देखने और उनसे मिलने को उत्सुक दिखाई दिया। ग्रामीणों ने उन्हें पारंपरिक पहनावे में स्वागत किया, जबकि महिलाओं ने पुष्पवर्षा कर अपने नेता का अभिनंदन किया। कई महिलाएं थाल सजाकर और मंगल गीत गाते हुए स्वागत करती नजर आईं।
सीएम धामी ने भी ग्रामीणों से आत्मीयता के साथ मुलाकात की और गांव के लोगों के हाल-चाल पूछे। उन्होंने अपने बचपन से जुड़े अनेक प्रसंगों को याद करते हुए कहा कि गांव की मिट्टी और लोगों का स्नेह ही उन्हें हमेशा नई ऊर्जा प्रदान करता है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों द्वारा उठाए गए विकास संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा की और आश्वस्त किया कि क्षेत्र की जरूरतों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के आगमन से गांव में मेले जैसा माहौल बन गया। जगह-जगह स्वागत द्वार सजाए गए थे। स्थानीय युवाओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं और स्कूल के बच्चों ने स्वागत गीत पेश किए। कई लोगों ने सीएम के साथ फोटो खिंचवाने की इच्छा जताई, जिसे धामी ने मुस्कुराते हुए पूरा किया।
गांव में हुए इस उत्सव ने साफ दिखाया कि ग्रामीण आज भी अपने नेता के प्रति अटूट स्नेह और सम्मान रखते हैं। मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल भावनात्मक रहा, बल्कि इससे ग्रामीणों और सरकार के बीच संबंध भी और मजबूत हुए।





