नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को “ESTIC 2025” (Empowering Science, Technology and Innovation Council) का उद्घाटन करते हुए देश में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के विशेष फंड की घोषणा की। यह फंड उच्च शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालयों, वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्रों और स्टार्टअप्स को उपलब्ध कराया जाएगा ताकि भारत को “वैश्विक अनुसंधान शक्ति” के रूप में स्थापित किया जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अब उपभोक्ता नहीं, बल्कि सृजनकर्ता राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “21वीं सदी की अर्थव्यवस्था ज्ञान और नवाचार पर आधारित है। हमारा लक्ष्य है कि भारत शोध, तकनीक और इनोवेशन के क्षेत्र में विश्व नेतृत्व हासिल करे।”
सरकार द्वारा घोषित यह फंड ‘राष्ट्रीय अनुसंधान कोष’ (National Research Foundation) के तहत वितरित किया जाएगा। इसके अंतर्गत विज्ञान, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, कृषि, अंतरिक्ष अनुसंधान और सामाजिक विज्ञान जैसे विविध क्षेत्रों में परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस राशि का उपयोग अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना, अनुसंधान छात्रवृत्तियों, उद्योग-संस्थान साझेदारी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के विस्तार में किया जाएगा। इससे देश के युवाओं को न केवल आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि वे विश्वस्तरीय शोध सुविधाओं तक पहुंच बना सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पहल “विकास के नए द्वार खोलेगी” और आने वाले वर्षों में भारत की तकनीकी क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे “आत्मनिर्भर भारत” के लक्ष्य को नवाचार और विज्ञान के माध्यम से साकार करें।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फंड भारत को अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में निर्णायक बढ़त देगा और देश की वैश्विक रैंकिंग को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।





