Tuesday, December 23, 2025

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महाराष्ट्र: अजित पवार गुट के नेता का फिल्मी स्टाइल में अपहरण, अपनी ही पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप

मुंबई/पुणे: महाराष्ट्र की सियासत में अंतर्कलह का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अजित पवार की राकांपा (NCP) के एक पदाधिकारी ने आरोप लगाया है कि पहले उनका अपहरण किया गया और फिर जान से मारने की धमकी देकर उन्हें एक अनजान गांव में छोड़ दिया गया। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पीड़ित नेता ने इस पूरी साजिश के पीछे अपनी ही पार्टी के कुछ रसूखदार नेताओं का हाथ बताया है।

अपहरण की पूरी कहानी

  • अचानक हमला: पीड़ित नेता के अनुसार, जब वे किसी काम से बाहर निकले थे, तभी कुछ अज्ञात लोगों ने उन्हें जबरन गाड़ी में बिठा लिया। अपहरणकर्ताओं ने उनका मोबाइल छीन लिया और आंखों पर पट्टी बांध दी।
  • अज्ञात स्थान पर बंधक: उन्हें कई घंटों तक एक अज्ञात स्थान पर रखा गया। पीड़ित का दावा है कि इस दौरान उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और कुछ राजनीतिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया गया।
  • सुनसान गांव में छोड़ा: घंटों की दहशत के बाद, अपहरणकर्ताओं ने उन्हें शहर से दूर एक अनजान गांव के पास सड़क किनारे छोड़ दिया और चेतावनी दी कि अगर उन्होंने मुंह खोला तो अंजाम बुरा होगा।

अपनों पर ही क्यों लगा रहे हैं आरोप?

पीड़ित नेता ने पुलिस और मीडिया को बताया कि यह हमला किसी बाहरी दुश्मन ने नहीं, बल्कि उनकी अपनी ही पार्टी के विरोधी गुट के नेताओं ने करवाया है।

  • वर्चस्व की जंग: माना जा रहा है कि पार्टी के भीतर स्थानीय स्तर पर पद और टिकट वितरण को लेकर चल रही आपसी खींचतान इस घटना की मुख्य वजह है।
  • पार्टी आलाकमान को शिकायत: पीड़ित ने इस मामले की जानकारी उपमुख्यमंत्री अजित पवार और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं तक पहुँचाने की बात कही है।

पुलिस जांच और राजनीतिक सरगर्मी

  • केस दर्ज: स्थानीय पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण और धमकी देने का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अब घटनास्थल के आसपास के CCTV फुटेज खंगाल रही है।
  • विपक्ष का तंज: इस घटना ने विपक्षी दलों को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया है। विपक्ष का कहना है कि जब सत्ताधारी दल के नेता ही अपने सहयोगियों से सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा?

पार्टी की प्रतिक्रिया

फिलहाल अजित पवार गुट की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पार्टी इसे अनुशासनहीनता मान रही है और आंतरिक स्तर पर भी इसकी जांच कराई जा सकती है।

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