अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को ईरान को कड़ी चेतावनी दी। ट्रंप ने कहा कि अगर ईरान ने कोई दुस्साहस किया तो अंजाम ऐसा होगा, जो उसने न तो पहले कभी देखा होगा और न ही कभी सोचा होगा। ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब इस्राइल ने तेहरान में ईरान के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय को निशाना बनाया। इस्राइल ने शनिवार को ईरान के बुशहर प्रांत में साउथ पारस गैस फील्ड से जुड़ी एक प्राकृतिक गैस प्रसंस्करण इकाई पर भी हमला किया। यह कहते हुए कि ईरान पर इस्राइल के हमलों में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी, ट्रंप ने दावा किया कि वह ईरान और इस्राइल के बीच आसानी से समझौता करवा सकते हैं और इस संघर्ष को रुकवा सकते हैं। इससे पहले रविवार को ईरान ने तेहरान और वाशिंगटन डीसी के बीच परमाणु वार्ता के छठे दौर को रद्द कर दिया था।
क्या है मामला?
- दरअसल, इस्राइल ने शुक्रवार को ईरान के कई ठिकानों पर हमले किए थे। इनमें कई परमाणु ठिकाने भी शामिल थे। इससे पश्चिम एशिया में संघर्ष का एक और मोर्चा खुल गया। इस एयर स्ट्राइक में ईरान के 20 टॉप कमांडर मारे गए। इनमें आर्मी और एयरफोर्स चीफ भी शामिल हैं। इस्राइल ने शुक्रवार सुबह 200 फाइटर जेट्स से 6 ठिकानों पर हमला किया। इन हमलों में ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया।
- इसके जवाब में ईरान ने दोपहर में इस्राइल पर जवाबी हमले किए। ईरान ने 100 से ज्यादा ड्रोन दागे। इस्राइली सेना यानी IDF का दावा है कि उसने सभी ड्रोन मार गिराए।
- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि ईरान परमाणु समझौता कर ले वरना और बड़ा बड़ा हमला झेलना होगा। ट्रंप ने कहा कि सबकुछ खत्म होने से पहले ईरान को यह डील कर लेनी चाहिए।
- बढ़ते तनाव के बीच इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले की योजना और सैन्य अभियान ऑपरेशन राइजिंग लायन को लेकर बड़ा खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि ईरान के खिलाफ चलाया गया सैन्य अभियान ऑपरेशन राइजिंग लायन की मंजूरी छह महीने पहले नवंबर 2024 में दी गई थी। यह अभियान पहले अप्रैल 2025 में शुरू किया जाना था, लेकिन कुछ कारणों से इसे आगे बढ़ा दिया गया।