राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले 10 सालों में देश तेजी से सशक्त हुआ है। हालांकि अगर हमारे देश की सीमाएं अधिक सुरक्षित सुरचित और प्रतिकूल कब्जेवाली नहीं होतीं तो भारत ने अधिक रफ्तार से प्रगति की होती। उन्होंने कहा जमीन पर जो कब्जा है वही अपना है बाकी तो सब अदालत और कचहरी का काम है। उससे फर्क नहीं पड़ता। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले 10 सालों में देश तेजी से सशक्त हुआ है। हालांकि, अगर हमारे देश की सीमाएं अधिक सुरक्षित, सुरचित और प्रतिकूल कब्जेवाली नहीं होतीं, तो भारत ने अधिक रफ्तार से प्रगति की होती। उन्होंने कहा, “जमीन पर जो कब्जा है वही अपना है, बाकी तो सब अदालत और कचहरी का काम है। उससे फर्क नहीं पड़ता।” 21वें अलंकरण समारोह में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ओर से आयोजित रुस्तमजी मेमोरियल लेक्चर में शुक्रवार को एनएसए डोभाल ने कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति अधिक रफ्तार पकड़ती अगर देश की सीमाएं अधिक सुरक्षित रहतीं। निकट भविष्य में हमें नहीं लगता कि हमारी सीमाएं इतनी सुरक्षित हो जाएंगी कि हम तेजी से आर्थिक विकास कर सकें। इसलिए सीमाओं पर तैनात सैन्य बलों के कंधों पर अत्यधिक भार आ गया है। उन्हें हमेशा 2437 सतर्क रहना पड़ता है। उन्हें हर वक्त हमारे राष्ट्रीय हितों और देश की सुरक्षा का ध्यान रखना होता है। देश की सीमाएं अत्यधिक महत्वपूर्ण इसलिए हैं, क्योंकि वह हमारी संप्रभुता को परिभाषित करती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में भारत सरकार ने सीमाओं की सुरक्षा पर बहुत ध्यान दिया है। इसी अवधि में हमारी राष्ट्रीय ताकत बढ़ी है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि भारत बहुत तेजी से बदल रहा है। अगले दस सालों में हम 10 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी हो जाएंगे। साथ ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे, जोकि बहुत बड़ी बात है।