Friday, December 19, 2025

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अगरतला में बांग्लादेश के विरुद्ध आक्रोश: युवाओं ने घेरा डिप्टी हाई कमीशन, 1971 के शौर्य की दिलाई याद

अगरतला: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों और भारत विरोधी गतिविधियों के खिलाफ त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में युवाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। प्रदर्शनकारी युवाओं ने अगरतला स्थित बांग्लादेश डिप्टी हाई कमीशन के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन कर अपने राष्ट्रीय स्वाभिमान का परिचय दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने साफ संदेश दिया कि भारत की संप्रभुता और सम्मान के साथ कोई भी समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।

प्रदर्शन और एकजुटता

बड़ी संख्या में एकत्रित हुए युवाओं और विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने हाथों में तिरंगा लेकर बांग्लादेश विरोधी नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी हाई कमीशन के मुख्य द्वार के समीप पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया। युवाओं का कहना था कि पड़ोसी देश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा और अपमानजनक टिप्पणियां हर भारतीय के राष्ट्रीय स्वाभिमान को चोट पहुँचा रही हैं, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

1971 के इतिहास का स्मरण

प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने बांग्लादेश को उसके जन्म के इतिहास की याद दिलाई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि:

  • भारत का योगदान: जिस देश (बांग्लादेश) के अस्तित्व के लिए 1971 में भारतीय सैनिकों ने अपना रक्त बहाया, आज वहीं से भारत विरोधी स्वर उठना निंदनीय है।
  • ऐतिहासिक चेतावनी: युवाओं ने चेतावनी दी कि बांग्लादेश को 1971 का वह इतिहास नहीं भूलना चाहिए जब भारतीय सेना के पराक्रम ने उन्हें स्वतंत्रता दिलाई थी। अपने राष्ट्रीय स्वाभिमान की रक्षा के लिए भारत आज भी कड़े कदम उठाने में सक्षम है।

सुरक्षा के कड़े प्रबंध

तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए त्रिपुरा पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने डिप्टी हाई कमीशन की सुरक्षा बढ़ा दी थी। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए थे। हालांकि, युवाओं का जोश इतना अधिक था कि उन्होंने शांतिपूर्ण लेकिन बेहद आक्रामक तरीके से अपनी मांगों को रखा और बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।

कूटनीतिक संदेश

अगरतला में हुआ यह प्रदर्शन केवल एक स्थानीय विरोध नहीं, बल्कि पूरे देश की उस भावना का प्रतिबिंब है जो अपने राष्ट्रीय स्वाभिमान पर उठने वाली हर उंगली के खिलाफ एकजुट है। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से भी मांग की कि बांग्लादेश के साथ कूटनीतिक स्तर पर सख्त रुख अपनाया जाए ताकि सीमा पार से होने वाली अपमानजनक घटनाओं पर अंकुश लग सके।

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